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________________ ४१ ४२ ४३ ૪૪ ४५ ४६ ४७ ४८ ४६ ५० ५१ ५२ ५३ ५४ ५५ ५७ हि सक्कर थी ५ भांगा तीज विकल्प करि कहै छ ३ सक्कर, ३ वालुक ५८ १ ५६ २ ३ ५ ३ सक्कर, ३ सप्तमीं हि सक्कर थी ५ भांगा चउथे विकल्प करि कहै छँ ४ सक्कर, २ वालु १ २ ४ सक्कर, २ सप्तमी हि सक्कर थी ५ भांगा पंचमें विकल्प करि कहै छ -- ५ सक्कर, १ वालु ३ ४ ५ १ २ ३ ४ ५ १ ३ सक्कर, ३ पंक २ ३ सक्कर, ३ धूम ३ सक्कर, ३ तम ३ ५ सक्कर, १ सप्तमीं एवं सक्कर थी ५ विकल्प करि २५ भांगा कह्या । हिवै वालुक थी ४ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छँ ५६ १ वालुक, ५ पंक ४ ४ सक्कर, २ पंक ४ सक्कर, २ धूम ४ सक्कर, २ तम ५ सक्कर, १ पंक ५ सक्कर, १ धूम ५ सक्कर, १ तम १ वालुक, ५ धूम १ वालुक, ५ तम १ वालुक, ५ सप्तमी Jain Education International हिव वालु थी ४ भांगो दूर्जे विकल्प करि कहै छँ ६० २ वालुक, ४ पंक ६१ ६२ ६५ ६६ ६७ हिव ६३ २ वालुक, ४ सप्तमीं हिव वालु थी ४ भांगा तीज विकल्प करि कहे छं - ६४ ६८ ६६ ७० ७१ ७३ ७४ १ ७५ २ ७७ ३ ७८ ४ १ २ ३ ४ १ २ ३ ३ वालुक, ३ सप्तमी वालु थी ४ भांगा चउथे विकल करि कहै छँ ४ ४ वालुक, २ सप्तमी हिव वालु थी ४ भांगा पंचमे विकल्प करि कहै छ ७२ ५ वालुक, १ पंक १ २ ३ ४ २ वालुक, ४ धूम १ २ वालुक, ४ तम २ ३ ३ वालुक, ३ पंक For Private & Personal Use Only ३ वालुक, ३ धूम ५ वालुक, १ सप्तमीं एवं वालुक थी ४ भांग पंच विकल्प करि २० भांगा कह्या । हिव पंक थी ३ भांगा प्रथम विकल्प करि कहे छे - ७६ १ पंक, ५ धूम ३ वालुक, ३ तम ४ वालुक, २ पंक ४ वालुक, २ धूम ४ वालुक, २ तम ५ वालुक, १ धूम ५ वालुक, १ तम १ पंक, ५ तम १ पंक, ५ सप्तमी श० ६, उ० ३२, ढाल १८१ १११ www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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