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________________ हिवं रत्न थी ६ भांगा दूजे विकल्प करि कहै छ हिवै रत्न थी ६ भांगा पंचमें विकल्प करि कहै छै १ ५ रत्न, १ सक्कर । १ २ रत्न, ४ सक्कर ८ २ २ रत्न, ४ वालुक ५ रत्न, १ वालुक २ रत्न, ४ पंक ५ रत्न, १पंक २ रत्न, ४ धूम | ५ रत्न, १ धूम ११ ५२ रल, ४ तम २६ ५५ रत्न, १ तम ६ २ रत्न, ४ सप्तमी ५ रत्न, १ सप्तमी हिवं रल थी ६ भांगा तीज विकल्प करि कहै छ एवं रत्न थी ६, पंच विकल्प करि ३० भांगा कह्या । हिवै सकार थी ५ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छै ३ रत्न, ३ सक्कर १ सक्कर, ५ वालु ३ रत्न, ३ वालुक १ सक्कर, ५ पंक | ३ रत्न, ३ पंक १ सक्कर, ५ धूम | ३ रत्न, ३ धूम ४ १ सक्क र, ५ तम, ३ रन, ३ तम १ सक्कर, ५ सप्तमी ६ | ३ रत्न, ३ सप्तमी सक्कर थी ५ भांगा दूजे विकल्प करि कहै छ हिवं रत्न थी ६ भांगा चउथे विकल्प करि कहै छ. १ | २ सक्कर, ४ वालु, ४ रत्न, २ सक्कर २ सक्कर, ४ पंक ४ रत्न, २ वालुक २ सक्कर, ४ धूम ३ | ४ रत्न, २ पंक २ सक्कर, ४ तम ४ रत्न, २ धूम ५ २ सक्कर, ४ सप्तमी ४ रत्न, २ तम ४ रत्न, २ सप्तमी ११० भगवती-जोड़ dain Education Intermational Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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