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________________ पंच जीव नां पंचसयोगिक तेहनों विकल्प १, भांगा इकवीस । तिहां रत्न थी १५, सक्कर थी ५, वालुक थी १ - एवं २१ । रत्न थी १५, ते किसा ? रत्न सक्कर थी १०, रत्न वालु थी ४, रत्न पंक थी १ - एवं रत्न थी १५ । ते पनरां में रत्न सक्कर थी १०, ते किसा ? रत्न सक्कर वालुक थी ६, रत्न सक्कर पंक थी ३, रत्न सक्कर धूम थी १ एवं रत्न सक्कर थी १० । ते दशां में रत्न सक्कर वालुक थी ६, ते किसा ? रत्न सक्करवालुक पंक थी ३, रत्न सक्कर वालुक धूम थी २, रत्न सक्कर वालुक तम थी १ – एवं रत्न सक्कर वालुक थी ६ । ते छ भांगा में प्रथम रत्न सक्कर वालुक पंक थी ३ भांगा कहै छ १ २ ३ ४ १ २ ७ ३ १ | १ १ २ स वा पं धू १ १ १ १ Jain Education International १ १ १ ए रत्न सक्कर वालुक पंक थी ३ भांगा कह्या । हि रत्न सक्कर वालुक धूम थी २ भांगा कहै छै - १ | १ | १ १ १ १/ 81 ५ २ | १ १ १ o १ हि रत्न सक्कर वालुक तम थी १ भांगो कहै छं ६ १ १ १ ए रत्न सक्कर वालुक थी ६ भांगा कह्या । हिवे रत्न सक्कर पंक थी ३ भांगा, ते किसा ? पंक धूम थी २, रत्न सक्कर पंक तम थी १ सक्कर पंक धूम थी २ भांगा कहे छं १ o o १ १ ० १ हिर्व रत्न सक्कर धूम थी १० १ १ ए रहन सक्कर थी १० भांगा का । o १ ० || १ ε 2 १ १ ए रत्न सक्कर पंक थी ३ भांगा कह्या । ० हिर्व रत्न सक्कर पंक तम थी १ भांगो कहै छं १ १ १ भांगो कहै छ ० १ ० त तम १ o १ १ १ ० ० १ ० १ रत्न सक्कर तिहां रत्न १ | १ | · | 2 | ± | 0 | 8 | 9 | 8 o १ हि रत्न वालु थी ४ भांगा, ते किसा? रत्न वालुक पंक थी ३, रत्न वालुक धूम थी १, तिणमें रत्न वालुक पंक थी ३, किसा ? रत्न वालु पंक धूम थी २. रत्न वालुक पंक तम थी १, तिहां रत्न वालुक पंक धूम थी २ भांगा कहै छ ११ १३ | १५ 1 १२ | १ हिवे रत्न वालुक पंक तम थी १ भांगो कहै छै - | 8 १६ | १७ १ | ए रत्न वालुक पंक थी ३ भांगा कह्या । हि रत्न वालुक धूम थी १ भांगो कहै छै - १४ | १५ १६ २१ | 8 हि रत्न पंक थी १ भांग क ए रत्न वालुक थी ४ भांगा का । २ १ o १ १ For Private & Personal Use Only १ | २ ३ स वा ५ एवं रत्न थी १५ भांगा कह्या । हि सक्कर थी ५ भांगा कहै छं १ ० १ ० 1 2 1 0 1 ० ० ० ० १ १ o १ १ ० १ 21° 1 ० १ १ o १ १ २० ए सक्कर थी ५ भांगा कह्या । हिवै वालुक थी १ भांगो कहै छं पं १ १ १ o ० १ | १ १ १ धू १ १ १ १ ૧. १ १ o १ १ १ त १ १ १ ० १ १ ११ १ तम १ o १ १ १ १ १ १ १ १ ए पंच जीव नां पंच संजोगिया रत्न थी १५, सक्कर थी ५, वालुक थी १ - एवं २१ भांगा जाणवा । www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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