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ढाल : १८०
१. पञ्चकयोगे त्वेकविंशतिरिति ।
(वृ०प० ४४४)
३. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालु
यप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभ ए होज्जा, ४. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे वालु
यप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होज्जा । ५. अहवा एगे रयणप्पभाए जाव एगे पंकप्पभाए एगे
अहेसत्तमाए होज्जा
दूहा १. पांच जीव नां हिव कहं, पंचसंयोगिक भंग ।
एकवीस इक विकल्पे, आखू आण उमंग ॥ २. *पनर भांगा रत्न सेती, पंच सक्कर थी भणो।
वालुक थी इक पंचयोगिक, भंग इकवीस गिणो ।।
वा०--प्रथम रत्न थी १५, ते किसा? रत्न सक्कर थकी १०, रत्न वालु थकी ४, रत्न पंक थकी १-एवं १५ । हिवै रत्न सक्कर थी १०, ते किसा? रत्न सक्कर वालुक थकी ६, रत्न सक्कर पंक थकी ३, रत्न सक्कर धूम थकी १ एवं रत्न सक्कर थी १० । ते दशां माहै रत्न सक्कर वालु थकी ६ किसा? रल सक्कर वालुक पंक थी ३, रत्न सक्कर वालुक धूम थी २, रल सक्कर वालु तम थी १-एवं रत्न सक्कर वालुक थी ६ भांगा हुवै, ते कहै छ
वीर कहै गंगेया ! सुणे। (ध्रुपदं) ३. तथा एक रत्न इक सक्करे, एक वाल इक पंक । गंगेया !
इक जीव धूमप्रभा विषे, ए धुर भंग अवंक । गंगेया ! ४. अथवा एक रत्न इक सक्करे, एक वालु इक पंक ।
एक तमा में ऊपज, ए भंग द्वितीय निसंक । ५. तथा एक रत्न इक सक्करे, एक वालु इक पंक ।
इक जीव नारकि सप्तमी, ए भंग तृतीय कथंक ।।
हिवं रत्न सक्कर वालुक धूम थी २ भांगा कहै छ६. तथा एक रत्न इक सक्करे, एक वालुक इक धूम ।
एक तमा में ऊपजै, भंग चतुर्थो बम ॥ ७. तथा एक रत्न इक सक्करे, एक वालु इक धूम ।
इक जीव नारकि सप्तमी, ए भंग पंचम ब्रूम ॥ हिवै रत्न सक्कर वालुक तम थी एक भांगो कहै छै८. तथा एक रत्न इक सक्करे, एक वालु तम एक ।
एक तमतमा नै विषे, षष्टम भंग संपेख ॥ ए रत्न सक्कर वालुक थी ६ भांगा कह्या । हिवं रत्न सक्कर पंक थी ३ भांगा कहै छै६. तथा एक रत्न इक सक्करे, एक पंक इक धूम ।
एक तमा में ऊपज, ए भंग सप्तम ब्रूम ॥ १०. तथा एक रत्न इक सक्करे, एक पंक इक धूम ।
इक जीव नारकि सप्तमी, ए भंग अष्टम बम ॥ ११. तथा एक रत्न इक सक्करे, एक पंक तम एक ।
इक जीव नारकि सप्तमी, ए भंग नवम विशेख । * लय : पूज मोटा भांजे तोटा + लय : शिवपुर नगर सुहामणो
६. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे व लु
यप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा। ७. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा
८. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा,
६. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे ___ पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा १०. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए गे
पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ११. अहवा एगे रयणपभाए एगे सकारणभाए एगे
पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा
श० ६, उ० ३२, ढाल १८० १०३
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