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हिवै पंक धूम थी २ भांगा चौथे विकल्प करि कहै छ
हिवै धूम थी १ भांगो छ विकल्प करि कहै छ
१ पंक, ३ धूम, १ तम
। १ धूम, १ तम, ३ तमतमा
१ धूम, २ तम, २ तमतमा
१९४ २ १ पंक, ३ धूम, १ तमतमा
हिवै पंक धूम थी २ भांगा पंचमे विकल्प करि कहै छ
२ धूम, १ तम, २ तमतमा
| २ पंक, २ धूम, १ तम
४
१धूम, ३ तम, १ तमतमा
१६६ २२पंक, २ धूम, १ तमतमा
५
२ धूम, २ तम, १ तमतमा
२०६ २१०
हिव पंक धूम थी २ भांगा छठे विकल्प करि कहै छै--
६
३ धूम, १ तम, १ तमतमा
ए धूम थी १ भांगो ६ विकल्प करि ६ भांगा कह्या ।
१९७, १३ पंक, १ धूम, १ तम १६८ २ ३ पंक, १ धूम, १ तमतमा
ए पंक थी २ भांगा ६ विकल्प करि १२ भांगा कह्या ।
एवं पांच जीव नां त्रिकसंयोगिया नां विकल्प ६, एक-एक विकल्प नां भांगा पैतीस-पैतीस । रत्न थी १५, सक्कर थी १०, वालुक थी६, पंक थी ३, धूम थी?-- एवं ३५, ते ६ विकल्प करि २१० भांगा कह्या । ते छह विकल्प ना रल थी ६०, सक्कर थी ६०, वालुक थी ३६, पंक थी १८, धूम थी ६-एवं सर्व २१० भांगा।
हिवं पंक तम थी १ भांगो ते ६ विकल्प करि ६ भांगा हुवै । तिहां पंक तम थी १ भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छ --
१६६ | १ | १ पंक, १ तम, ३ तमतमा
Re-main
हिवं पंक तम थी १ भांगो, ते दूजे विकल्प करि कहै छै
२०० | १ | १ पंक, २ तम, २ तमतमा
११६ नवमें शतक इकतीसम देशज, इकसौ अठंतरमी ढाल।
भिक्षु भारिमाल ऋषिराय प्रसादे, 'जय-जश' संपति माल।
हिवं पंक तम थी १ भांगो तीजै विकल्प करि कहै छ
२०१
२ पंक, १ तम, २ तमतमा
हिवै पंक तम थी १ भांगो चोथे विकल्प करि कहै छ
२०२ | १ | १ पंक, ३ तम, १ तमतमा
हि पंक तम थी १ भांगो पंचमें विकल्प करि कहै छ
२०३ | १
२ पंक, २ तम, १तमतमा
हिवं पंक तम थी १ भांगो छठे विकल्प करि कहै छै
२०४
१
३ पंक, १ तम,१ तमतमा
एवं पंक थी ३ भांगा छ विकल्प करि १८ भांगा थया।
८८ भगवती-जोड़
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