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________________ हिवं राक्कर धूम थी २ भांगा तीज विकल्प करि कहै छ - हिवै सक्कर तम थी १ भांगो छठे विकल्प करि कहै छ-- ३ सक्कर, १ तम, १ तमतमा २ सक्कर, १ धूम, २ तम २२ सक्कर, १ धूम, २ तमतमा हिवै सक्कर धूम थी २ भांगा चोथे विपल्प करि कहै छ - ए सक्कर थी १० भांगा एक-एक विकल्प ना हवे, ते माटै ६ विकल्प करि सक्कर थी ६० भांगा थया । हिवै वालु थी इक-इक विकल्प नां छह-छह भांगा हुवै ते वालु पंक थी ३, वालु धूम थी २, वालु तम थी १, एवं वालु थी ६ ते छ विकल्प करि ३६ भांगा हुवं । तिहां वालु पंक थी ३ मांगा प्रथम विकल्प करि कहै छ १ सक्कर, ३ धूम, १ तम १ सक्कर, ३ धून, १ तमतमा १ वालुक, १ पंक, ३ धूम हिवं सकार धूम थी २ भांगा पंचमें विकल्प करि कहै छ-- २१ व लुक, १ पंक, ३ तम २ सक्कर, १ धूम १ तम १५३३ १ वालुक, १ पंक, ३ तमतमा हिवै वालु पंक थी ३ भांगा दूजे विकल्प करि कहै छै .. १४२ | १ | २ सनकर, २ धूम, १ तमतमा । हिवं सककर धूम थी २ भांगा छठे विकल्प करि कहै छ १ वालुक, २ पंक, २ धूम ३ सक्कर, १ धूम, १ तम १ वालुक. २ पंक, २ तम ३ सक्कर, १ धूम, १ तमतमा १ वालुक, २ पंक,२ तमतमा ए सक्कर धम थी २ भांगा ६ विकल्प कर १२ भांगा कह्य । हिवै वाल पंक थी ३ भांगा तीज विकल्प करि कहै छै-- १५७ हिवै सक्कर तम थी १ भांगो ६ विकल्प करि ६ भांगा हुवं तिहां सक्कर तम थी १ भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छ -- १ २ वालुक, १ पंक, २ धूम २ वालुक, १ पंक, २ तम १५८ १ सक्कर, १ तम, ३ तमतमा २ वालुक, १ पंक, २ तमतमा हिव सक्कर तम थी १ भांगो दुजै विकल्प करि कहै छ .. हिवै वालु पंक थी ३ भांगचौथे विकल्प करि कहै छ --- १४६ १ सक्कर, २ तम, २ तमतषा १ | १ वालुक, ३ पंक, १ धूम हिवै सकार तम थी १ मांगो तीजै विकल्प करि कहै छ ... । १ वालुक, ३ पंक, १ तम १४७, १ २ सकार, १ तन, २ तमतमा ३१ वालुक, ३ पंक, १ तमतमा हिवं सक्कर तम थी १ भांगो चोथे विकल्प करि कहै छ.. हिवै वालु पंक थी ३ भांगा पंचमें विकल्प करि कहै छ - - १४८ १ १ सक्कर, ३ तम, १ तमतमा १६३ २ वालुक, २ पंक, १ धूम हिवं सकार तम थी १ भांगो पंचमें विकल्प करि कहै छ - २ वालुरू, २ पंक, १ तम २ सक्कर, २ तम, १ तमतमा १६५ ३ | २ वालुक, २ पंक, १ तमतमा ८६ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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