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________________ हिव सक्कर वालु थी च्यार भांग। चउथे विकल्प करि कहै छ...-- हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा तीज विकल्प करि कहै छ..-. १०३ | १ | १ सक्कर, ३ घालुक, १ पंक १२१ २ सक्कर, १पंक,२ धूम ४ १ सक्कर, ३ वालुक, १ धूम १२२ २ सक्कर, १ पंक, २ तम १ सक्कर, ३ वालुक, १ तम १२३ ३ २ सक्कर, १ पंक, २ तमतमा o १ सक्कर, ३ वालुक, १ तमतमा हिवं सक्कर पंक थी ३ भांगा चोथे विकल करि कहै छ-- हिवं सक्कर वालु थी ४ भांगा पंचमैं विकल्प करि कहै छै १२४ १ १ सक्कर, ३ पंक, १ धूम सक्कर, २ वालुक, १ पंक १२५ १ सक्कर, ३ पंक, १ तम १०८ २ २ सक्कर, २ वालुक, १ धूम १२६ १ सक्कर, ३ पंक, १ तमतमा ३ २ सक्कर, २ वालुक, १ तम हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा पंचमें विकल्प करि कहै छ - ४ २ सक्कर, २ वालुक, १ तमतमा १२७ १ २ सक्कर, २ पंक, १ धूम हिवै सक्कर वालु थी ४ भांगा छठ विकल्प करि कहै छै १२८ २ सक्कर, २ पंक, १ तम १११ ३ सक्कर, १ वालुक, १ पंक १२६ ३ | २ सक्कर, २ पक, १ तमतमा ३ सक्कर, १ वालुक, १ धूप हिवं सक्कर पंक थी ३ भांगा छठे विकल्प करि कहै छ - ११३ ३ सक्कर, १ वालुक, १ तम ३ सक्कर, १ पंक, १ धूम ११४ ४ ३ सक्कर, १ बालक, १ तमतमा ३ सक्कर, १ पंक, १ तम १३२ ३ ३ सकार, पंक, १ तमतमा ए सक्कर वालु थी ४ भांगा ६ विकल्प करि २४ भांगा कह्या । हिव सक्कर पंक थी ३ भांगा ते ६ विकल करि १८ भागा हुवे। तिहां सक्कर पंक थी ३ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छै ए सक्कर पंक थो ३ भांगा ६ विकल्प कार १६ भागा ह्या । हिव सक्कर धूम थी २ भांगा, ते छह विकल्प कर १२ भागा हुवे । तिहां सक्कर धूम थी २ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै ११५ | १ १ सक्कर, १ पंक, ३ धूम १ सक्कर, १ पंक, ३ तम १ सक्कर, १ पंक, ३ तमतमा १३३ | १ १ सक्कर, १ धूम, ३ तम हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा दूजै विकल्प करि कहै छ-- १३४ कर, १ धूम, ३ तनतमा १ सक्कर, २ पंक, २ धूम हिवं सक्कर धूम थी २ भांगा दूजे विकल्प करि कहै छ.. १३५ | १ | १ सक्कर, २ धूम, २ तम १ सक्कर, २ पंक, २ तम १ सक्कर, २ पंक, २ तमतमा १ सक्कर, २ धूम, २ तमतमा श० ६, उ० ३२, ढाल १७८ ८५ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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