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________________ ४७. *अन्य प्रति प्रभ ! अलीक जे आखै, मुनि ने कूसीलियो भाखै । ४८. असब्भूएणं अछता अवगुण आखै, जिम अचोर ने चोर दाखै। ४६. किसा प्रकार ना कर्म तसं होय ? हिवै जिन उत्तर दे सोय । ५०. जे पर प्रति अलीक ने अछतो संधै, तथाप्रकार कर्म तसं बंधै । ४७. जे णं भने ! परं अलिएणं अलीकेन भूतनिह्नवरूपेण पालितब्रह्मचर्यसाधुविषयेऽपि नानेन ब्रह्मचर्यमन पालितमित्यादिरूपेण,। (वृ०प० २३२) ४८. असब्भूएणं अब्भक्खाणेणं अब्भक्खाति, अभूतोद्भावनरूपेण अचौरेऽपि चौरोऽयमित्यादिना, (वृ०प० २३२) ४६. तस्स णं कहप्पगारा कम्मा कज्जंति? ५०. गोयमा ! जे णं परं अलिएणं, असंतएणं अब्भक्खा णणं अब्भक्खाति, तस्स णं तहप्पगारा चेव कम्मा कज्जति । ५१, जत्थेव णं अभिसमागच्छति तत्थेव णं पडिसंवेदेति ५२. तओ से पच्छा वेदेति । (श०५/१४८) ततः पश्चाद् वेदयति-निर्जरयतीत्यर्थः (वृ० प० २३२) ५३. सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति। (श० ५/१४६) ५१. जे मनुष्य आदि गतिमें उपजतो, तिहां आल नां फलभोगवंतो। ५२. पछै कर्म नै निर्जरै ताय, कोइ करै जिसा फल पाय । ५३. सेवं भंते ! सेवं भंते ! विशेष, पंचम शतक नों छठो उदृश । ५४. आठ असीमी ए ढाल उदारं, तिण में वारता विविध प्रकारं। ५५. भिक्ष भारीमालऋषिराय पसाय, कांइ 'जय-जश' हरष सवाय। पंचमशते षष्ठोद्देकार्थः ॥१६॥ ढाल : ८६ १,२. षष्ठोद्देशकान्त्यसूत्रे कर्मपुद्गलनिर्जरोक्ता, निर्जरा च चलनमिति सप्तमे पुद्गलचलनमधिकृत्येदमाह-- (वृ० प० २३२) दूहा १. छठा उदेशा अंत में, पुद्गलकर्म पिछाण । तास निर्जरा ने कही, चलणरूप ते जाण ॥ २. ते माटै हिव सातमैं, पुदगल चलण विचार । वीर प्रतै पूछ सुविधि, श्री गोयम सुखकार ॥ *जय-जय ज्ञान जिनेन्द्र नों, जयवन्तो जी श्री जिन-शासन जाण, जयवंता जी गोतम गण खान। जय-जय ज्ञान जिनेन्द्र नों ।। (ध्र पदं) ३. परमाण-पुदगल हे प्रभ ! ओ तो कंप हो, बलि विशेष कंपाय । यावत ते ते भाव नै परिणमै छै हो, भाखो जी जिनराय ! *लय : पुनवंतो जीव पाछिल भव *लय: वीर सुणो मोरी वीनती ३. परमाणपोग्गले णं भंते ! एयति वेयति जाव (सं० पा०) तं तं भावं परिणमति ? ६४ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003618
Book TitleBhagavati Jod 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1986
Total Pages582
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size17 MB
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