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________________ ४४ जइ संखेज्जवासाउय - कम्मभूमियगभवक्कंतिय मणुस्साणं-कि पज्जत्तग-संखेज्जवासाज्य कम्म भूमि- गभवक्कंतियमणुस्साणं ? अपज्जत्तग-संखेज्जवासाज्य-कम्मभूमि- गन्भवक्कंतियमणस्साणं ? गोयमा ! पज्जत्तग-संखेज्जवासाउय कम्मभूमि- गब्भवक्कंतियमनुस्साणं, नो अपज्जत्तग-संखेज्जवासाउय कम्मभूमिय- गब्भवक्कतियमणुस्सरणं । जइ पज्जत्तग-संखेज्जवासाउयकम्मभूमिय- गब्भवक्कंतियमणुस्थाणं-कि सम्मदिट्टि पज्जत्तगसंखेज्जवासाउय-कम्मभूमियगन्भवक्कंतियमणुस्साणं ? मिच्छदिट्टि - पज्जत्तग-संखेज्जवा साउथकम्मभूमि- गन्भवक्कंतियमणुस्वाणं ? सम्मामिच्छदिट्ठिपज्जत्तग-संखेज्जवासाउय-कम्मभूमियगभवक्कंतियमणुस्साणं ? गोयमा ! सम्मदिट्ठि-पज्जत्तगसंखेज्जवासा उय-कम्मभूमियभक्तयमणुस्सा, मिच्छदिठि- पज्जत्तग-संखेज्जवासाय - कम्मभूमि- गन्भवक्कंतियमणुस्साणं, नो सम्मामिच्छदिट्ठि - पज्जत्तग-संखेज्जवासाउय कम्मभूमि- गब्भवक्कंतियमणुस्साणं । नो जइ सम्मदिट्टि पज्जत्तग-संखेज्जवासाउय कम्मभूमिय-गब्भवक्कंतियमणुस्साणं-कि संजय सम्म दिट्टि - पज्जत्तग-संखेज्जवासाउयकम्मभूमि- गन्भवक्कं तियमणुस्साणं ? असंजय सम्मदिट्ठि पज्ज्तग-संखेज्जवासाज्य-कम्म भूमिय- गन्भवक्कंतियमणुस्साणं ? संजय संजय - सम्मदिट्ठि- पज्जत्तगसंखेज्जवासाउय - कम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं ? गोयमा ! संजय सम्मदिट्ठि Jain Education International यदि संख्येयवर्षायुष्क-कर्मभूमिजगर्भावक्रान्तिकमनुष्याणां किं पर्यातकसंख्येयवर्षायुष्क-कर्मभूमिज-गर्भावक्रान्तिकमनुष्याणाम् ? अपर्याप्तकसंख्येवर्षायुष्क-कर्म भूमिज-गर्भावक्रान्तिकमनुष्याणाम् ? गौतम ! पर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्क- कर्मभूमिज गर्भावक्रान्तिकमनुष्याणां नो अपर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्क - कर्मभूमिज - गर्भावक्रान्तिकमनुष्याणाम् । यदि पर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमि - गर्भावान्तिकमनुष्याणाम् - किं सम्यगदृष्टि पर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्क - कर्मभूमि- गर्भावक्रान्तिकमनुष्याणाम् ? मिथ्यादृष्टि-पर्याप्तकसंख्येवर्षायुष्क- कर्मभूमिज गर्भावक्रान्तिकमनुष्याणाम् ? सम्यग्मिथ्यादृष्टि- पर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्क-कर्मभूमिज -गर्भावक्रान्तिक मनुष्याणाम् । गौतम ! सम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येवर्षायुष्क - कर्मभूमिज -गर्भावक्रान्तिकमनुष्याणां नो मिथ्यादृष्टिपर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्क-कर्म भूमिज - गर्भावान्तिकमनुष्याणां, नो सम्यग्मिथ्यादृष्टि-पर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिज - गर्भावक्रान्तिकमनुष्याणाम् । यदि सम्यग्दृष्टि- पर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्क- कर्मभूमि- गर्भावक्रान्तिकमनुष्याणां किं संयत- सम्यग्दृष्टिपर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्क-कर्म भूमिजगर्भावान्तिकमनुष्याणाम् ? असंयतसम्यग्दृष्टि- पर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिज गर्भावान्तिकमनुष्याणाम् ? संयतासंयत-सम्यग्दृष्टिपर्याप्तक-संख्येवर्षायुष्क-कर्म भूमिज - गर्भावान्तिकमनुष्याणाम् ? गौतम ! संयत - सम्यग्दृष्टि For Private & Personal Use Only नंदी यदि संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के होता है तो क्या पर्याप्त संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के होता है अथवा अपर्याप्त संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के ? गौतम ! पर्याप्तक संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के होता है । अपर्याप्त संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के नहीं होता । यदि पर्याप्त संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के होता है तो क्या सम्यकदृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के होता है अथवा मिथ्यादृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के अथवा सम्यक्मिथ्या दृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के ? गौतम ! सम्यकदृष्टि पर्याप्तक संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के होता है, मिथ्यादृष्टि पर्याप्तक संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के और सम्यक् मिथ्यादृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के नहीं होता । यदि सम्यकदृष्टि- पर्याप्त संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के होता है तो क्या संयत-सम्यदृष्टिपर्याप्त संख्यात वर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के होता है अथवा असंयत - सम्यक दृष्टि- पर्याप्तक- संख्यातवर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के होता है अथवा संयतासंयतसम्यक ष्टि- पर्याप्तक- संख्यातवर्ष आयुष्य वाले कर्मभूमि में उत्पन्न गर्भज मनुष्यों के ? गौतम ! संयत- सम्यक दृष्टि पर्याप्तक www.jainelibrary.org
SR No.003616
Book TitleAgam 31 Chulika 01 Nandi Sutra Nandi Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1997
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_nandisutra
File Size9 MB
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