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________________ में प्राप्त अनुत्तरधर्म रूप संयम को संसार में सर्वोत्तम रत्न समझे, जिसकी प्राप्ति से समस्त कषाय रूप दारिद्र्य समाप्त हो जाता है। कर्म विदारण में समर्थ वीर्य को प्राप्त करके पूर्वबद्ध कर्मों का क्षय करे । अन्तिम गाथाद्वय में रत्नत्रय की महिमा बताई गयी है कि जो समस्त साधकों को इष्ट है, पापरूप कर्म से उत्पन्न शल्य को काटने वाला है तथा संसार से तिराने वाला है, वह संयम अतीत में भी महापुरुषों के द्वारा धारण किया गया है तथा भविष्य में भी इसे प्राप्त करके जीव संसार सागर से पार होंगे। 1. 2. 3. 4. सन्दर्भ एवं टिप्पणी 133 सूत्रकृतांग नियुक्ति गाथा सूत्रकृतांग वृत्ति पत्र - सूत्रकृतांग नियुक्ति गाथा सूत्रकृतांग वृत्ति पत्र - Jain Education International 253 132 254-255 16. गाथा अध्ययन सूत्रकृतांग सूत्र के प्रथम श्रुतस्कन्ध का अन्तिम तथा षोडश अध्ययन का नाम 'गाहा' - गाथा है। नियुक्ति में इसका नाम 'गाथा षोडश' है। ' चूर्णिकार तथा वृत्तिकार ने भी इसी नाम का अनुसरण किया है। गाथा शब्द के एकार्थक शब्द कुछ इस प्रकार है - शब्द, गृह, अध्ययन, ग्रन्थ-प्रकरण, छन्द - विशेष, आर्यागीति, प्रशंसा, प्रतिष्ठा, निश्चय आदि | 2 नियुक्तिकार ने गाथा शब्द के चार निक्षेप किये है जो पुस्तक तथा पत्र पर लिखित हैं, जैसे 'जयति' आदि । पन्नों पर लिखी हुई यह षोडश अध्ययन रूपा गाथा द्रव्य गाथा है। भावगाथा वह है, जिसमें क्षयोपशमिक भाव से निष्पन्न गाथा के प्रति साकारोपयोग हो क्योंकि सम्पूर्ण श्रुत क्षायोपशमिक भाव से ही निष्पन्न माना जाता है। प्रस्तुत अध्ययन में द्रव्य गाथा विवक्षित है । निर्युक्तिकार तथा वृत्तिकार गाथा शब्द का विश्लेषण करते हुये कहते है कि - 1. जिसका उच्चारण मधुर, सुन्दर तथा श्रुतिप्रिय हो, 2. या जिसे मधुर उच्चारण से गाया जाता हो, 3. अथवा जो गाथा छन्द में रचित मधुर प्राकृत शब्दावली से युक्त हो, 4. अथवा जो छन्दोबद्ध ( अनिबद्ध) न होकर भी गद्यात्मक 170 / सूत्रकृतांग सूत्र का दार्शनिक अध्ययन For Private & Personal Use Only द्रव्य गाथा वह है, अथवा पुस्तक एवं www.jainelibrary.org
SR No.003613
Book TitleAgam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Ka Darshanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNilanjanashreeji
PublisherBhaiji Prakashan
Publication Year2005
Total Pages436
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, & agam_related_other_literature
File Size18 MB
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