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१८.
१६.
२०.
२१.
२२.
२३.
२४.
२५.
२६.
२७.
२८.
| राजस्थानी भाषा एवं साहित्य
२६.
जैन, वन्दना
३१.
| हिन्दी भाषा एवं साहित्य
३०.
जैन अनीता
जैन अमिता (श्रीमती)
३२.
३३.
३४.
३५.
जैन प्रिया (श्रीमती)
जैन राका (श्रीमती)
जैन राजुल (श्रीमती)
जैन राजुल (कु.) जैन राजुल (कु.)
३६.
जैन, वन्दना (कुमारी)
जैन शिवा (श्रीमती)
जैन संगीता (श्रीमती)
जैन संस्कृति (कु.)
जैन सविता
जैन हर्षकुमारी
३७.
३८.
जैन अरूण लता
जैन अर्पणा (श्रीमती)
जैन इन्दुराई
जैन उषा (ब्र.)
जैन कल्पना (कुमारी)
जैन किरण
जैन कुसुमलता (श्रीमती)
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शोध कार्यों में श्राविकाओं का योगदान (प्राकृत भाषा एवं साहित्य)
'उपमिति भव प्रपंच' कथा का विश्लेषणात्मक अध्ययन । चेन्नई... अप्रकाशित नि. - डॉ. एन. वासुपाल, जैनदर्शन विभाग, चेन्नई वि. वि. ।
“जीवन्धरचम्पू का समीक्षात्मक अध्ययन" । नि० - श्री रघुबीर शास्त्री प्रका. - जैन मिलन, गोमतीनगर लखनऊ (उ. प्र.) प्रथम - २००२ १००
"वीरोदय महाकाव्यः" एक अध्ययन। राजस्थान । २००३, अप्रकाशित नि० - डा. शीतल चंद जैन, जयपुर ।
"आचार्य ज्ञानसागर के साहित्य की मौलिक विशेषताएँ" । सागर, २०००, अप्रकाशित । "आचार्य ज्ञानसागर के साहित्य का समीक्षात्मक अध्ययन" सागर, २००३, प्रकाशित (सांगानेर, २००३) नि० - डॉ. के. एल. जैन, टीकमगढ़ (म. प्र. ) आचार्य सोमदेव विरचित "नीतिवाक्यामत" का समीक्षात्मक अध्ययन । इन्दौर २००३ अप्रकाशित नि. - डॉ. संगीता मेहता, इन्दौर
"संस्कृत जैन चम्पू काव्य " - एक अध्ययन सागर ... अप्रकाशित नि . - डॉ. कुसुम भूरिया ।
"अलंकार चिंतामणि" का समीक्षात्मक एवं तुलनात्मक अध्ययन । मेरठ १६६२ अप्रकाशित । नि.- डॉ. जे. के. जैन ।
"जैन संस्कृत साहित्य में श्री कृष्ण चरित्र " - एक अध्ययन । वनस्थली १६६३ अप्रकाशित नि० - डॉ. चन्द्रकिशोर गोस्वामी ।
योदय और बहत्त्रयी का तुलनात्मक अध्ययन भोपाल, २०००, अप्रकाशित नि०डॉ. रतन चन्द जैन, भोपाल ।
"हेमचन्द्र के द्वयाश्रय महाकाव्य" (कुमारपालचरित) का सांस्कृतिक एवं साहित्यिक अध्ययन आगरा, १९७४ अप्रकाशित।
"राजस्थानी काव्य में नारी चित्र" राजस्थान १६६२ अप्रकाशित नि० - डा. नरेन्द्र भानावत ।
आचार्य विद्यासागर कृत "मूकमाटी का समीक्षात्मक एवं दार्शनिक अनुशीलन भोपाल, १६६७, अप्रकाशित नि० - डॉ. प्रदीप खरे, भोपाल (म. प्र. )
"हिन्दी महाकाव्य परम्परा में मूलमाटी का अनुशीलन" सागर, २००४ अप्रकाशित नि.- डॉ. सरोज गुप्ता, गर्ल्स डिग्री कॉलेज, सागर ।
"हिन्दी जैन काव्य में व्यवहृत दार्शनिक शब्दावली और उसकी अर्थव्यंजना " आगरा, १६७७ अप्रकाशित नि. - डॉ. महेन्द्र सागर प्रचण्डिया, अलीगढ़ “द्विवेदी युगीन महाकाव्य परम्परा और वर्धमान वाराणसी” १६६२ अप्रकाशित आधुनिक जैन हिन्दी महाकाव्य लखनऊ, १६८२. अप्रकाशित
"हिन्दी साहित्य के विकास में जैन कवियों ( १५००.१७००) का योगदान, विक्रम, १९६५ अप्रकाशित नि.–डॉ. हरिमोहन बुधौलिया ।
"आचार्य विद्यासागर का मूकमाटी महाकाव्यः " एक अनुशीलन रीवां १६६०
अप्रकाशित नि० - डॉ. के. एल. जैन टीकमगढ़ (म. प्र. )
रातिकालीन हिन्दी जैन काव्य जबलपुर (म. प्र. )
"बुधजनः बुधजन सतसई" इन्दौर २००२ अप्रकाशित नि० - डॉ. रमेश सोनी, इन्दौर |
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