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________________ जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास 689 | ३६. जैन, त्रिशला ४०. जैन दीपिका ४१. जैन प्रतिभा जैन, पुष्पलता जैन, मीना ४४. जैन रश्मि ___ जैन, मुन्नी (श्रीमती) "हिन्दी के जैन महाकाव्य" (जैन महापुरुषों के जीवन, जैन दर्शन और जैन अध ययन पर आधारित हिन्दी के महाकाव्य) रूहेलखण्ड १६८५ अप्रकाशित नि.-डॉ. विद्या- धर त्रिपाठी हि. वि. बरेली कॉलेज, बरेली (उ. प्र.) "बीसवीं सदी के हिन्दी साहित्य में भगवान महावीर", इंदौर २००२ अप्रकाशित नि.- डॉ. शकुन्तला सिंह, इन्दौर। "आचार्य विद्यासागर की कृति मूकमाटी का शैक्षिक अनुशीलन"। सागर,... अप्रकाशित नि.-डॉ. वी. पी. श्रीवास्तव, विश्वविद्यालयीन शिक्षा महाविद्यालय सागर (म. प्र.) "मध्यकालीन हिन्दी जैन काव्य में रहस्य भावना" नागपुर, १६७५ प्रकाशित प्रकाशकः सन्मति विद्यापीठ नागपुर-४४०००१ प्रथमः- १६८४ १००,०० "मूकमाटी का शैली परक अनुशीलन" भोपाल; २००४, अप्रकाशित नि.-डा. मध् गुबाला गुप्ता, एस. एन. गर्ल्स कालेज, भोपाल। "आचार्य श्री विद्यासागर जी के साहित्य में उदात्त मूल्यों का अनुशीलन"। सागर, | २००४ अप्रकाशित नि.-डॉ. संध्या टिकेकर, बीना (म. प्र.) "हिन्दी गद्य के विकास में जैन मनीषी, पं. सदासुखदास का योगदान", वाराणसी, १६६६, प्रकाशित। भारतीय जीवन मूल्यों के सन्दर्भ में वीरेन्द्र कुमार जैन के साहित्य का अनुशीलन। विक्रम १६६१ अप्रकाशित नि.-डॉ. एस. एल. जायसवाल। देवीदास विलास नाम से प्रकाशित प्रका.-श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान, वाराणसी प्रथमः १६६४.२००. ०० "वीरेन्द्र जैन के साहित्य में जैन दर्शन" भोपाल, २००२, अप्रकाशित नि.-प्रो. पी. आर रत्नेश। "जैन हिन्दी साहित्य में प्रयुक्त छन्द योजना" अलीगढ़; १६८३ अप्रकाशित नि.-डॉ. महेन्द्र सागर प्रचण्डिया, अलीगढ़ पं. दौलत राम का साहित्यिक प्रदेय, ग्वालियर, २००३ अप्रकाशित । नि.-डॉ. सतीशचंद चतुर्वेदी, गुना (म. प्र.) आचार्य विद्यासागर जी कृत "मूकमाटी महाकाव्य"; "एक साहित्यिक मूल्यांकन" भोपाल १६६२ अप्रकाशित नि.-डॉ. जी. पी. नेमा। संस्कृत, प्राकृत एवं अपभ्रंश भक्तिकाव्य परम्परा में जैन कवियों का हिन्दी पद साहित्यः एक समालोचनात्मक अध्ययन बिहार, १६८३, अप्रकाशित। ४६. जैन मंजुकला (श्रीमती) ४७. जैन विद्यावती (श्रीमती) ४८. जैन श्वेता नमन ४६. जैन, सरोज __ जैन सारिका जैन सीमा कुमारी ५.. जैन सुनीता भाषा विज्ञान एवं व्याकरण ५३. जैन अनीता ५४. जैन कमलेश ५५. जैन नीरज (कु.) "पाणिनीय व्याकरण और जैनेन्द्र व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन" जबलपुर २००३ अप्रकाशित नि.-डा. राधिका प्रसाद मिश्र, दु. वि. वि., जबलपुर। जैन दार्शनिक पारिभाषिक शब्दावली का विश्लेषणात्मक अध्ययन वाराणसी, १६८६, अप्रकाशित नि.-डॉ. राधेश्याम चतुर्वेदी वाराणसी। सन्धि विषयक सिद्धान्तों का तुलनात्मक अध्ययन इन्दौर, १९६६ अप्रकाशित (टंकित) नि.-डॉ. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी जैनागम। ज्ञाताधर्मकथांग का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन उदयपुर... अप्रकाशित।। स्थानांग सुत्र का समालोचनात्मक अध्ययन, उदयपुर १६६६ अप्रकाशित । नि.-डॉ. उदयचंद जैन उदयपुर। ५६. |५७. जैन, कोठारी, राजकुमारी जैन खीचा, पारसमणि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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