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________________ जैन श्राविकाओं का बृहद इतिहास ART शोध कार्यों में श्राविकाओं का योगदान (प्राकृत भाषा एवं साहित्य) शोध का विषय और स्थान क्र. १. नाम जैन, कुसुमलता २. जैन, शशि प्रभा लीलाबाई कथा के विशेष सन्दर्भ में प्राकृत कथाकाव्यों का अध्ययन इन्दौर, १६७२. अप्रकाशित। गाथा सप्तशती और बिहारी सतसईः सतसई परम्परा के परिवेश में एक तुलनात्मक अध्ययन आगरा, १६६८, अप्रकाशित। अपभ्रंश भाषा एवं साहित्य ३. जैन, आभारानी (श्रीमती) ४. जैन, वन्दना (श्रीमती) मुनि रामसिंह विरचित "दोहापाहुड" ग्रन्थ का अनुशीलन। संस्कृत विद्यापीठ, २००२ अप्रकाशित नि.-डॉ. सुदीप जैन, दिल्ली। "आचार्य जोइन्दुः" एक अनुशीलन। सागर, १६६६, अप्रकाशित नि.-डॉ. भागचन्द्र जैन भागेन्दु, दमोह। "णेमिणाहचरिऊ” का सम्पादन एवं सांस्कृतिक अध्ययन । उदयपुर..., अप्रकाशित । ५. जैन, सरोज (श्रीमती) ६. जैन, सूरजमुखी अपभ्रंश का जैन रहस्यवादी काव्य और कबीर नाम से प्रकाशित । प्रका.-कुसुम प्रकाशन, आदर्श कॉलोनी, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) प्रथम ; १६६६ २०० |संस्कत भाषा एवं साहित्य ७. जैन, अंजलि ८. जैन, अंजू ६. जैन, आराधना | १०. जैन, अनीता (श्रीमती) | ११. जैन उमा १२. जैन कल्पना (श्रीमती) जयोदय महाकाव्य में उत्प्रेक्षा अलंकार। इन्दौर, २००३, अप्रकाशित। नि.-डॉ. संगीता मेहता, इन्दौर। जैन साहित्य के परिप्रेक्ष्य में मंगलाचरण का समीक्षात्मक अध्ययन । आगरा, १६६८, अप्रकाशित नि.-डॉ. सन्तोष कुमारी शर्मा, फिरोजाबाद। मिल रोड, गंज बसौदा (म.प्र.)। प्रका. - श्री दि. जैन मुनिसंघ सेवा समिति, गंजबासौदा (म. प्र.) एवं आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्रः व्यावर प्रथमः १६६४ ५० जैन संस्कत रूपकों का समीक्षात्मक अध्ययन मेरठ: १६६३ अप्रकाशित नि.-डा. जे. के. जैन। कालिदास कृत 'मेघदूत' तथा मेरूतुंगाचार्यकृत "जैन मेघदूत" का तुलनात्मक अध्ययन मेरठ, १६८३, अप्रकाशित।। वादिचंद्रकृत सुलोचना चरित का अध्ययन एवं सम्पादन। उदयपुर, १६६२ अप्रकाशित। नि.-डॉ. मूलचन्द्र पाठक, लाल बहादुर शास्त्री केन्द्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली। "समन्त भद्रस्य संस्कृत साहित्ये योगदानम्"। संस्कृत विद्यापीठ... अप्रकाशित नि.- डॉ. रूद्रदेव त्रिपाठी १२५४-गली गुलीयान, थर्ड फ्लोर, दिल्ली-११०००६ जैनाचार्य विरचित “पचविज्ञप्तिलेखकाव्यानां सम्पादनमनुवादः" (संस्कृत) संस्कृत, संस्थान.... अप्रकाशित नि.- डॉ. रूद्रदेव त्रिपाठी। . चन्द्रप्रभचरित महाकाव्य - एक अध्ययन आगरा.... अप्रकाशित "आचार्य ज्ञानसागर के साहित्य में भारतीय संस्कृति"। बरेली, २००० अप्रकाशित नि.-डॉ. रमेश चन्द्र जैन बिजनौर (उ. प्र.) महाकवि बाग्भट्ट विरचित "नेमिनिर्वाण" का साहित्यिक मूल्यांकन। राजस्थान, १६८३, अप्रकाशित नि. डॉ. विश्वनाथ शर्मा। १३. जैन, कुसुम । १४. जैन, जय (श्रीमती) १५. १६. जैन, जयदेवी जैन, नीता १७. जैन पुष्पा (श्रीमती) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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