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आधुनिक काल की जैन श्राविकाओं का अवदान
क्र.स. संवत
श्राविका का नाम
पति का नाम
विशेषताएँ
3 |20 वीं सदी
206
श्रीमती कलादेवी आंचलिया
121 दिन की तपस्या की 39
0 |20 वीं सदी
206
श्रीमती मनोहरी देवी आंचलिया
-
30 बार मासखमण तप किया।40
संदर्भ० मांगीलाल भूतोडिया इतिहास की अमरवेल ओसवाल प्रथम खण्ड प. 285
"माँ" विश्व की परम शक्ति है। तीर्थंकर माता का करोड़ों माताओं में शीर्षस्थ स्थान है। जगत के समस्त पुण्यों का पुँज एकत्रित करने पर तीर्थंकर पुत्र को जन्म देने का सौभाग्य तीर्थंकर की माता को
प्राप्त होता है।
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