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सेवायें अर्पित कर रही हैं। साहित्यिक क्षेत्र में डॉ सुधा ने मराठी भाषा में नयन उत्सव, तिन्हीसाजा, स्वतंत्रता ते भगवती नामक काव्य संग्रह की रचना की है। नेत्रदान विशेषांक, पर्यावरण विशेषांक, अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक, स्पंदन स्त्री मनाचे, बसंतऋतु हिरवा आदि ग्रंथों का संपादन किया है। स्वप्न आपणा सर्वाचे, पोलियो मुक्त भारताचे, नेत्र आरोग्य विषयक दष्टि ग्रंथ, याचि देहि याचि डोला, प्रिय सोनुली, पाणी सोनुली, आदि समाज को जागत करने वाली लेखमालाएँ प्रकाशित करवाई है। इसी प्रकार एड्स एक महासंकट आदि एकांकी, चित्रकाव्य प्रदर्शनी भी आपने ६ वर्षो तक प्रदर्शित की ।
आधुनिक काल की जैन श्राविकाओं का अवदान
सांस्कृतिक क्षेत्र में आप भरतनाट्यम और कुचीपुड़ी नत्य में विशारद हैं। पर्यावरण क्षेत्र में, महिला और बालकल्याण के क्षेत्र आपका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आपके द्वारा सामाजिक, सांस्कतिक साहित्यिक, आदि विविध क्षेत्रों में दी जानेवाली सेवाओं के लिए विभिन्न संस्थाओं द्वारा २४ के लगभग पुरस्कारों से सम्मानित की गई हैं। आपके नाम से साहित्य कलायात्री संस्था द्वारा डॉ सुधा कांकरिया गौरव विशेषांक प्रकाशित किया गया है। नॉन स्टॉप बारह घंटे 'नत्य आराधना' के लिए ज्येष्ठ अभिनेत्री नत्यांगना जयप्रदा द्वारा नत्यतिलका पुरस्कार के विशिष्ट पुरस्कार से आपको सम्मानित किया गया। रोटरी ऑप्रिसिएशन और बेस्ट इनरव्हील प्रेसिडेंट पुरस्कार तथा सामाजिक योगदान के लिए विजयरत्न एवं ग्लोरी ऑफ इंडिया इंटरनेशनल अवार्ड के विशिष्ट पुरस्कार द्वारा आप को सम्मानित जा चुका है। इस प्रकार छोटी उम्र में बहुमुखी कीर्ति को अर्जित करनेवाला यह व्यक्तित्व वर्तमान की श्राविकाओं के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणास्त्रोत है । ५४
७.६१ डॉ पूनम जैन
आप नालागढ़ निवासी श्रीमान् स्व. डॉ. प्रवीण जैन की धर्मपत्नी हैं। आपका जन्म १६६१ में हुआ था। अपने बी. डी. एस. की शिक्षा गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमतसर से प्राप्त की थी। आप वर्तमान में सिविल हॉस्पिटल नालागढ़ में सरकारी नौकरी कर रही हैं। आप डॉ. प्रवीण जैन मेमोरियल ट्रस्ट' नालागढ़ द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित फ्री आई कैंप में सहयोग देती हैं। आप हिमाचल प्रदेश स्टेट डेंटल कौंसिल की सदस्या तथा बद्दी इकाई इंडियन डेंटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पद पर कार्य कर चुकी हैं । आप शुद्ध शाकाहार की प्रेरिका हैं । ५५
७.६२ श्रीमती सविता जैन
आपका जन्म रायकोट में सन् १६५५ में हुआ था । आप स्व. डॉ दीवानचंद जैन एवं अध्यापिका कमला देवी जैन की सुपुत्री - है ।। जम्मू निवासी श्रीमान् जोगेंद्रलालजी एवं श्रीमती सत्यारानी की पुत्रवधू एवं श्रीमान् सूर्यरत्न जैन की धर्मपत्नी हैं। आपने बी. ए., हिन्दी प्रभाकर, एंव ओ.टी की शिक्षा ग्रहण की है। आप लगभग २५ वर्षो से अध्ययन कार्य में सेवायें दे रही हैं।, निर्धन एवं निरक्षर बच्चों को आप पढा रही हैं। आप ३५ वर्षों से साहित्यिक रचनायें, कविताएँ, निबंध, कहानियां तथा स्वंम के बनाए गीत रचना भी प्रकाशित करवा रही हैं । २६ वर्षो से जम्मू रेडियों स्टेशन पर निरन्तर धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम प्रस्तुत करती आ रही है। इसी संदर्भ में बच्चों के अनेकों बार सांस्कतिक कार्यक्रम आपने बाल भवन दिल्ली में भी प्रस्तुत किये हैं। आप अपने पति के व्यवसाय में भी पूर्ण सहयोग देती हैं। आपने श्राविका के बारह व्रतों को ग्रहण किया है। ११ से १५ अठाईयां, ३० तथा ७२ उपवास की लम्बी तपस्यायें आपने संपन्न की हैं। इस प्रकार धर्म, समाज एवं शिक्षा के क्षेत्र में आपका समाज को अपूर्व योगदान हैं। स्वाध्याय में भी आप रूचि रखती हैं । ५६
७.६३ श्रीमती प्रेम जैन:
आप लुधियाना निवासी श्रीमान अभयकुमार जैन एवं शीलादेवी जैन की सुपुत्री तथा दिल्ली निवासी कुलभूषण जैन की धर्मपत्नी हैं। आपने १ से १६ तक की लड़ी, २१. ३१. ५१. की दीर्घ तपस्यायें ३० ७२ १०८ तथा छः माह का दीर्घ आयंबिल तप, आयंबिलों की ३० ओली तथा २० स्थानक आयंबिल तप की ओली आदि विविध तपस्यायें संपन्न की हैं। आप स्वाध्याय में विशेष रूचि रखती हैं तथा साधु साध्वियों की सेवा में अम्मा, पिउ के भाव से लगी रहती हैं। महासती कौशल्यादेवी जैन पुस्तकालय वीर नगर की आप कुशल संचालिका भी हैं । ५७
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