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________________ 632 आधुनिक काल की जैन श्राविकाओं का अवदान है। किसी विचारक ने ठीक ही कहा है कि संसार में जितने भी महत्त्वपूर्ण कार्य हुए हैं उन सब में नारी जाती का छुपा हाथ है। एक बार नेपोलियन बोनापार्ट ने कहा था अगर तुम मुझे सुमाताएँ दे सको तो मैं तुम्हें एक महान जाति दे सकता हूँ। महात्मा गांधी ने बच्चे की प्रथम शिक्षिका माता को ही माना है जो उसके चरित्र का गठन करनेवाली है। नारी में पुरूष को मानव बनाने और बनाये रखने की अद्भुत शक्ति है। नारी स्वभाव से ही कोमल और संयत होती है। वह सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति है तभी तो अस्पतालों में कार्य नारियाँ (Nurses) ही करती हैं। शिक्षा व्यक्तित्व विकास का आधार है। वह प्रगतिशीलता का पथ प्रशस्त करती है। आधुनिक युग में स्त्रियों में मध्यकाल की अपेक्षा शैक्षणिक क्रांति आई है, तथा शिक्षा के कारण आर्थिक आत्मनिर्भरता भी संभव हो पाई है। किसी भी शासकीय अथवा अशासकीय संस्था में नियुक्ति प्राप्त करने के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता चाहिए। शिक्षित महिलाओं को शैक्षणिक योग्यता के कारण सम्मानजनक नौकरी प्राप्त होती है। आज उपभोक्तावादी संस्कति के कारण भौतिक लालसा की भट्टियाँ सुलग रही हैं तथा आर्थिक आपाधापी की आंधियाँ चल रही हैं, जिसके कारण महंगाई अपने पांव पसार रही है, ऐसे समय में परिवार के पुरूषों की ही नहीं अपितु महिलाओं की आत्मनिर्भरता भी अत्यावश्यक है। यह तभी संभव है जब महिलाएँ शिक्षित हों। महिलाएं शिक्षित हों तो वह शासकीय अथवा अशासकीय किसी भी संस्था के सम्मानजनक पद पर नियुक्ति पाकर परिवार की आर्थिक प्रगति और खुशहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, तथा परिवार को आर्थिक तंगी के तूफानों से छुटकारा दिला सकती हैं। नारी पुरूष से किसी भी स्थिति में कम नहीं चाहे वह एक माँ है, बहन है, पत्नी है या बेटी है। जीवन के कर्मक्षेत्र में वह डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, अध्यापक, पायलट, वैज्ञानिक, राजनीतिज्ञ, संगीतज्ञ, नत्यांगना, साहित्यकार, कलाविद् बनकर अपनी सेवाएँ देश को दे रही है। जोधपुर की श्रीमती ममता डाकलिया ने अपने सुगम संगीत और राजस्थानी लोकगीत प्रस्तुत करने में विशेष दक्षता प्राप्त की है। जोधपुर विश्वविद्यालय से ही सुगम संगीत में वह प्रथम पुरस्कार विजेता रही है। इसी कड़ी में श्रीमती प्रीति लोढ़ा ने ख्याल, मार, तराना एवं भजनों के गायन में विशेष दक्षता प्राप्त की है। अहमदनगर की श्रीमती डॉ. सुधा कांकरिया एक श्रेष्ठ नत्य कलाकार है। उसने १२ घंटे तक लगातार (नॉन स्टॉप) नत्य कला का प्रदर्शन किया तथा नत्यांगना जयप्रदा द्वारा सम्मानित की डॉ. सुधा क करिया ने साहित्य, आरोग्य, ग्राम विकास, शैक्षणिक, सांस्कतिक आदि विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दिया है। उनकी इस बहुमुखी प्रतिभा संपन्नता हेतु उन्हें निर्मल ग्राम योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय सम्मान महामहिम राष्ट्रपति अब्दुल कलाम द्वारा प्राप्त हो चुका है। इसी प्रकार सुश्री मल्लिका सारा भाई ने मानवीय संवेदनाएँ एवं स्त्रैण अभिषप्तताएँ आंदोलन से संबंधित नाट्य मंचन का एक अनोखा प्रयोग किया है। अन्तर्राष्ट्रीय सितारे मंच' की वह विश्वविख्यात् सितारा थी। जोधपुर की सुश्री रीता नाहटा प्रथम महिला टैक्सी चालक बनी। वह कर्मठ एवं संघर्षशील व्यक्तित्व की धनी है। सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में तथा कला के क्षेत्र में अनाथ बहनों को प्रशिक्षण देनेवाला यह विरल व्यक्तित्व है। जोधपुर की ही श्रीमती शशी मेहता प्रतिभाशाली छात्रा रह चुकी है। जितने वर्ष तक आपने विश्वविद्यालय की पढ़ाई की उतने वर्ष तक छात्रवत्ति पाती रही है। वाद-विवाद, लोकनत्य आदि प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कार पाती रही है। आप इंडियन एक्सप्रेस दिल्ली में संवाद दाता का कार्य करते हुए राष्ट्र एवं समाज की ज्वलंत समस्याओं पर निरन्तर लिखती रही हैं। चेन्नई की सोनिया रानी ने २२ वर्ष की छोटी उम्र में कप्तान बनकर इंडियन एअरलाइंस की उड़ान भरकर रिकार्ड स्थापित किया है। समाज कल्याण एवं सेवा के क्षेत्र में संलग्न मौन साधिका श्रीमती प्रसन्नकुँवर ने अनाथ बच्चों के लिए, अपंग, विध्वा एवं परित्यक्त महिलाओं के लिए शिक्षा एवं आजीविका का प्रबंध किया है। उसके द्वारा मुफ्त खोले गये औषधालय में अब तक १३०० बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। श्रीमती रूक्मिणी देवी जैन विश्वविख्यात् नत्य संस्था 'कलाक्षेत्र की संस्थापिका एवं अध्यक्षा थी। आपने विशेष प्रकार की नत्य शैली को भरत-नाट्यम नाम से प्रसिद्ध किया था। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ संस्था के अंतर्गत जीवरक्षा के प्रचार प्रसार में देश-विदेश में काफी प्रयास किया था। आप 'दया देवी बहन' तथा 'प्राणीमित्र' के विशिष्ट पद से अलंकत थी। लुधियाना निवासी श्रीमती जिनेंद्र जैन ने एक ओर जहां अनेक शिक्षण एवं सामाजिक संस्थाओं को पुष्ट किया वहीं दूसरी ओर गायों की सेवा में वह अग्रगण्य सक्रिय कार्यकर्ता रही हैं। चंद्रपुर मध्यप्रदेश निवासी मदनकुँवर पारख ने सर्वोदय महिला मंडल की अध्यक्षा पद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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