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________________ जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास क्र० 563 564 565 566 567 568 569 570 571 573 574 575 577 579 572 1556 581 संवत् 1595 582 1571 583 1519 584 1520 1525 " 576 1597 1549 1551 578 15.. 1580 1588 580 1527 1596 1595 1528 1529 1531 Jain Education International श्राविका नाम चोख श्री सुहाग सोमाई इंदा, खेमा परमा, रणा सोना, मना " पोबाही सिंगार सलखणदे, खेतलदे लिबाइ, बमटाइ गोताइ, दाइ प्रगंधा, जैसी, तावसी नयणश्री, मेहादे, सुहाग लीलादे, राजलदे अंबा राजाही ताल्ही, विणी, जिनमति लाडो जयश्री, भावश्री वंश / गोत्र कांधावल गोत्र वोटवाड़ गोत्र श्री श्रीवंश लंबकंचुकान्वय अउली निवासी गोलालारान्वय लंबकचुकान्वय " अग्रोत, गोल गोत्र उकेश. ज्ञा. वरहडाआ गोत्र प्रा. ज्ञा खंडेलवाल. ज्ञा. कटरिया गोत्र वघेरवाल, सावलिया गोत्र माहिमवंश खंडेलवाल, गोधा गोत्र नरसिंहपुरा ज्ञा. नागर गोत्र घरकौ. ज्ञा. खंडेलवाल वंश झबकू, राजू महिगलदे बुध गोत्र वैसा, रेना, तावसी महियवंश अग्रोत गर्ग अग्रोत, मित्तल सवाल काष्ठासंघ प्रेरक / प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य मंडलाचार्य धर्मचंद्र को प्रदान की थी अंचल. भावसागरसूरि भट्टा. श्री सिंहकीर्ती मूलसंघ सिंहकीर्ति भाववर्धनगणि. जिनसेन मूलसंघ भट्टा श्री लक्ष्मीसेन मूलसंघ सकलकीर्ति भुवनकीर्ति मूल. सिंहकीर्तिदेव प्रतिमा निर्माण आदि पांडुलिपि लिखवाई ताम्र यंत्र For Private & Personal Use Only मुनिसुव्रतस्वामी महावीर समवसरण श्रेयांसनाथ जिन प्रतिमा चंद्रप्रभु पार्श्वनाथ शीतलनाथ जिन प्रतिमा जिन प्रतिमा धर्म परीक्षा ग्रंथ लिपिबद्ध अनंतयंत्र करवाया विश्वसेन जिन प्रतिमा संदर्भ ग्रंथ जिन प्रतिमा" " जिन प्रतिमा" खं.जै.स.बृ.इ. खं.जै.स.बृ.इ. श्रमण 1999 जै. सि.भा. सन् 1935 जै.सि.भा. सन् 1936 जै.सि.भा. सन् 1936 जै.सि.भा. सन् 1936 जै. सि.भा. सन् 1936 जै.सि.भा. सन् 1936 श्रमण 1999 जै. सि.भा. सन् 1947 जै. सि.भा. सन् 1947 जै.सि.भा. सन् 1936 जै.सि.भा. सन् 1940 जै.सि.भा. सन् 1940 मुनि देवनंदि को भेंट पं.चं. अं.ग्र. में दिया पार्श्वनाथ जै.सि.भा. सन् 1935 जै.सि.भा. सन् 1940 जै. सि.भा. सन् 1935 जै.सि.भा. सन् 1936 जै.सि.भा. सन् 1940 जै.सि.भा. सन् 1935 409 पृ. 142 141 131 31 31 132 128 128 31 83 16 17 482 16 2 31 1 31 www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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