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सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
क्र०
संवत् | श्राविका नाम
वंश/गोत्र
पृ.
प्रेरक/प्रतिष्ठापक गच्छ /आचार्य
प्रतिमा निर्माण संदर्भ ग्रंथ
आदि | पट्टिका श्री नंदीष्वर पट्टिका | वही
5441518
सूहवदे
5451518
विणि सिंगारदे
शत्रुजयगिरनारावतार | जै.प्रा.जै.ग्रंभ.सू. पट्टिका क्ल्प सूत्रा सचित्रा के.सं.प्रा.में. सुवर्णाक्षरी (काष्ठ)
546
1524
नायकदेवी लीलादेवी रंगाई. चंगाई, रूपाई. हंसाई | सोमा
547
1508
श्री श्रीमाल ज्ञा.
जे.जै.ले.सभा.2
246
548
1506
रूडी
श्रीरत्नशेखरसूरि
जे.जै.ले.स.भा.2
1247
श्री शत्रुजय गिरनार पट्टिका श्री समतिनाथ
549
1510
सुहागिणी
घांघगोत्र
गुणसुंदरसूरि
| जे.जै.ले.स.भा.2
252
5501515षीमसिरि, भरमी
संडेर कश्यपगोत्र
ईश्वरसूरि
श्री नेमिनाथ
जे.जै.ले.सभा.2
252
551
1520
| सुहमादे, लावलदे | गुगलिया गोत्र
श्री शालिभद्र सूरि
| श्री शीतलनाथ
| जे.जै.ले.स.भा.2
254
552
1534
सुंदी, दूल्हादे
बी.जै.ले.स
ऊकेश वंश (बोथरा | खरतर, जिनचंद्रसूरि गोत्र)
खरतर. जिनहंससूरि
शीतलनाथ चतुर्विंशति । श्री अजितनाथ
553_1566
| वील्हादे, रत्नादे
बी.जै.ले.स.
554
1595
| बीझलदे, हीरादे
| खरतर, जिनमाणिक्यसूरी | श्री अभिनंदन
बी.जै.ले.स.
5551580
ऊकेश ज्ञा.
तपा. श्री हेमविमलसूरी
कई यंत्रपट्ट
बी.जै.ले.स.
556
1593
ऊकेश वंश बोथरा | श्री. जिनमाणिक्यसूरि गोत्र
श्री जिनमाणिक्यसूरि | बी.जै.ले.स.
देवलदे, रमाई, गोई, लाली वील्हादे, कउतगदे, रधणादे, अमृतदे, वीरमदे कउतिगदे सूरज देवी सकतादे, कपूरदे, रेडाई. पावां, पुन्नु कोल्ही
557
1593
बी.जै.ले.स.
558
1593
बी.जै.ले.स.
559
1542
पार्श्वनाथ
जि.मू.प्र.ले.
गर्गगोत्र (अग्रोत) | काष्ठा संघ भट्टारक श्री
गुणनदेव खंडेलवाल जाति | मुनिरल कीर्ति
560
1534
| वीना, थाल्हा
मोज्हायंत्र
खं.जै.स.बृ.इ.
140
5611581
कवलादे
साह गोत्र
मंडलाचार्य धर्मचंद्र
ताम्रयंत्र
खं.जै.स.बृ.इ.
562
1590
तोलादे
बाकलीवाल गोत्र
शांतिनाथ का ताम्र यंत्र
खं.जै.स.बृ.इ.
172
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