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सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
क्र०
संवत् | श्राविका नाम
वंश/गोत्र
प्रेरक / प्रतिष्ठापक गच्छ /आचार्य
प्रतिमा निर्माण
आदि
___ संदर्भ ग्रंथ
585
1537
सामा
जेसवाल, मूलसंघ
" जिन प्रतिमा
जै.सि.भा. सन् 1936
586
जालही
अग्रोत, गोयल
" जिन प्रतिमा"
जै.सि.भा. सन् 1936 |
587
जाल्ही, टूंडा, उदी, चार्युदे
'काष्ठासंघ
नेमिनाथ
जै.सि.भा. सन् 1935 | 14
588
सामा
मूलसंघ
महावीर
जै.सि.भा. सन् 1935 -
3
589
1540
रूषी
................
काष्ठासंघ सोमकीर्ति
जिन प्रतिमा
जै.सि.भा. सन् 1940
16
590
1545
| कुसुमा, उदयश्री
वरहिया कुल
जै.सि.भा. सन् 1936 | 32
591
सता
वरहिया कुल
आदिनाथ
मूलसंघ भट्टारक श्री जिनचंद्रदेव
जै.सि.भा. सन् 1935 |
1
592
पुनिमा
अग्रोत, मित्तल
.................
जिन प्रतिमा
जै.सि.भा. सन् 1936
31
हूंबड ज्ञा.
मूलसंघ के ज्ञानभूषण
संभवनाथ
जै.सि.भा. सन् 1940
18
5931547 594|1549
हर्षु, रूक्मिणी गदा
जै.सि.भा. सन् 1938
| 32
595
1593
दालक्खू, अमरा । ऊकेश, बोथरा
गोत्र
श्री जिनमाणिक्यसूरि
। श्री आदिनाथ
जै.धा.प्र.ले.स.भा.2
596
सकतादेवी
श्री शीतलनाथ
| जै.धा.प्र.ले.स.भा.2
597
सुहागदेवी
श्री शांतिनाथ
| जै.धा.प्र.ले.स.भा.2
598 11598
जीविणिपठानार्थ
खरतर, श्रीवंत (कडवागच्छ)
| साहू जबाकेन ने लिखवाया
| जै.धा.प्र.ले.स.भा.2
| 312
ऋषभदेव विवाहलु धवल बंध 44 ढाल लिखवाईगई थी।
599
1556
| 996
लीलादेवी की पुत्री डोसी जिदा की पत्नी
आदिनाथ चैत्य में | जै.धा.प्र.ले.स.भा.2 देवकुलिका का निर्माण करवाया था।
600
1579
अरधाई. कुंयरि
उकेश वंश
कल्याणातिलकगणि लिखित
जंबूचरित्र चौपाई
जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2
367
601
1525
शंकरदेवी
वसदि के लिए भूमि | जै.धा.प्र.ले.स.भा.2 का दान
| 317
602
1596
पिरोजांपठनार्थ
ऋषि देवसागर द्वारा लिखित
लीलावती चोपाई
जै.धा.प्र.ले.स.भा.2
603
1562
प्रेमबाई पठनार्थ
आलोचणविनति जी
जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2
170
गणिरत्नविजय द्वारा लिखित
604
1500
हासलदे
| श्री ब्राह्मणगच्छे
श्री प्रद्युम्नसूरि
भ. श्री कुंथुनाथ जी
जै.धा.प्र.ले.स.भा.2
| 75
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