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________________ जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास संवत् | श्राविका नाम | वंश/गोत्र संदर्भ ग्रंथ 260 1487 | चांपलदे उप. ज्ञा. अ.प.जै.धा.प्र.म. प्रेरक/प्रतिष्ठापक अवदान गच्छ / आचार्य षीलभद्रसूरि/ संभवनाथ हारीजगच्छ जयाणंदसूरि/ चंद्रप्रभु रूद्रपल्लीगच्छ सोमसुंदरसूरि/तपागच्छ विमलनाथ 261 1487| सोमलदे अ.प.जै.धा.प्र.म. उप. ज्ञा. भरहटिगोत्र नानीमा. ज्ञा. 262 1488 | बूची, नागड़े, जासू अ.प.जै.धा.प्र.म. 263 1488 | कपूरी श्री. श्री. आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. जयकीर्तिसूरि/ अंचलगच्छ सोमसुंदरसूरि 264 1488 | हीमल, वीरू प्रा. ज्ञा. सुमतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 265 11488 | हांसलदे ऊकेष ज्ञा. | सोमसुंदर सूरि मल्लिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 266 | 1488 | पाल्हणदे, रत्नादे प्रा. ज्ञा. सोमसुंदरसूरी विमलनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 267 | 1488 | माणिकी, हादी, पाणी श्री. ज्ञा. | सोमसुंदरसूरि/तपा. पार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 268 1489 | तधापदे श्री. श्री. | गुणसागरसूरि अभिनंदन | अ.प.जै.धा.प्र.म. 269 | 1489 | दूया श्री. ज्ञा. श्री सूरि आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 270 1489 | रूहवदे श्री मोढ. ज्ञा. | | श्रीदेवप्रभसूरि पद्मप्रभु अ.प.जै.धा.प्र.म. 271 श्री. ज्ञा. धर्मसिंहसूरि कुंथुनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 272 1489 | राजपुत्र श्री. श्री. श्रीसूरि मुनिसुव्रत अ.प.जै.धा.प्र.म. 273 | 1489 नागलदे श्रीमाल ज्ञा. मुनिसिंह सूरि संभवनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 274 | 1489 | मोषलदे श्री. श्रीमाल ज्ञा. | रत्नसिंहसूरि बृहत्तपा | | संभवनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 275 | 1482 | तेजलदे, सुकतादे उ. ज्ञा. वीरभद्रसूरि सुविधिनाथ | अ.प.जै.धा.प्र.म. 276 1482 | भली, माकू प्रा. ज्ञा. सोमसुदरसूरि/तपा. | आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 277 1482 रयणादेवी श्री. श्री. सुमतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. जयकीर्तिसूरि/ अंचलगच्छ हेमरत्नसूरि 278 1482 | लाडी शीतलनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 279 | 1483 | मंची | श्री. श्री. गुणसागरसूरि/पूर्णिमा | शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 280 1483 | आल्हणदे, चाहणदे ऊके. वंष शांतिसूरि/संडेर | चंद्रप्रभस्वामी अ.प.जै.धा.प्र.म. 281 1483 | लषमादे श्री. श्री. जयकीर्तिसूरि/अंचल वासुपूज्य अ.प.जै.धा.प्र.म. 282 1483/नीमल प्रा. ज्ञा. सोमसुंदरसूरि/तपा. धर्मनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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