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________________ आठवीं से पंद्रहवीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ ७ संवत् श्राविका नाम वंश/गोत्र | अवदान संदर्भ ग्रंथ प्रेरक/प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य सोमसुंदरसूरी/तपा 236 | 1498 | सहवदे, अरघू, वची प्रा. सुपार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 237 1498 | पाल्हणदे विजयचंद्रसूरि पदमप्रभु अ.प.जै.धा.प्र.म. 238 1499 | सावलदे, दलूणदे वर्षणा गो. कक्कसूरि/उपकेष सुविधिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 239 1499 | वीलह, हनादे सोमसुंदर सूरि मुनिसुव्रत अ.प.जै.धा.प्र.म. 240 | 1499 रूडी श्री. श्री. रत्नसिंह सूरी/ वृद्धतपा संभवनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 2411499 | वानू उपकेष शांतिसूरि/संडेरगच्छ विमलनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 242 | 1499 | नागलदे, माल्हणदे | वरहडिअ गोत्र मुनिसुरसूरी/तपा संभवनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 243 1489 | कीलहणदे, रूडी प्रा. ज्ञा. सोमसुंदरसूरि/तपा चंद्रप्रभु अ.प.जै.धा.प्र.म. 2441490 | गांगी, सूलटी प्रा. ज्ञा. श्री सूरी धर्मनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 245 1490 सलदे श्रीमाल ज्ञा, लक्ष्मीचंद्रसूरी/पूर्णिमापक्ष | पार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 246 1490 भरमादे श्रीमाल ज्ञा. आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. गुणसागरसूरि/ पूर्णिमापक्ष सोमसुंदरसूरि/तपा 247 | 1490/ नामलदे, वीलहणदे, हांसा | प्रा. ज्ञा. वर्धमान अ.प.जै.धा.प्र.म. 248 1490 | सूहवदे, रूड़ी प्रा. ज्ञा. | सोमसुंदरसूरि/तपा सुपार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 249 | 1491 | हली, मची जिनदेवसूरि/कूचडगच्छ | चंद्रप्रभु अ.प.जै.धा.प्र.म. 2501491 | कामलदे श्री. श्री. सोमसुंदरसूरि/तपा. शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 2511491 | कर्माद, षिमही, सीतादे । उपकेष श्री सिंघडसूरि शीतलनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 252 | 1491 | सारू, राजू, जसूं, चमकू गूजर ज्ञा. सोमसुंदरसूरि/तपा. शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 23 | 1492 | संपूरी प्रा. ज्ञा. श्री सूरी वासुपूज्य अ.प.जै.धा.प्र.म. 1493 | मेलादे उकेष ज्ञा. पालिभद्रसूरि श्रेयांसनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 2551493 | भरमादे, रणू | ऊकेष वंष जिनभद्रसूरि पद्मप्रभु अ.प.जै.धा.प्र.म. 256 1493 | पाल्हदे श्रीमाल ज्ञा. रामचंद्रसूरि | चंद्रप्रभु अ.प.जै.धा.प्र.म. 257 1493 लूणादे श्री. श्री. मुनितिलकसूरि शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 258 1493 | अनुपमादे, पद्माई ऊकेष कक्कसूरि संभवनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 259 1487 | देल्हणदे | श्री. श्री | आदिनाथ | अ.प.जै.धा.प्र.म. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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