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आठवीं से पंद्रहवीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
संवत् श्राविका नाम
वंश/गोत्र
अवदान
संदर्भ ग्रंथ
प्रेरक/प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य
283
| 1484 | मेघी, देवलदे
प्रा. ज्ञा.
पद्मप्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
284
| 1484 | कपूरदे
डीसावाल, ज्ञा. | सोमसुंदरसूरि/तपा.
| पद्मप्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
285
| 1485 | कनी
प्रा. ज्ञा.
रत्नसिंहसूरि/तपा.
| पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
286
1485 | पूनादे, भरमी
श्री. श्री.
मुनिसिंहसूरि/आगम
वासुपूज्य
अ.प.जै.धा.प्र.म.
287 | 1485 आसलदे, भरमी, गंगादेवी | प्रा.
सोमसुंदरसूरि /तपा
मुनिसुव्रत
अ.प.जै.धा.प्र.म.
288| 1485 | हलहदे, सूहवदे
ऊकेष वंश
जिनसागरसूरि /खरतर
चंद्रप्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
| 1485 | डाही
प्रा. ज्ञा.
सोमसुंदरसूरि
आदिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
290 | 1486 | चांपू, जोली
प्रा. ज्ञा.
सोमसुंदरसूरि
चंद्रप्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
291 | 1486 / वीलहणदे, कउलदे
उसवंष
श्रीसूरि
पद्मप्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
292
| 1486 | वीकमदे
उसवाल ज्ञा.
जयचंद्रसूरि (पूर्णिमा)
वासुपूज्य
अ.प.जै.धा.प्र.म.
293 | 1475 | पूनादे
उकेष वंष
| सोमसुंदरसूरि तपागच्छ
आदिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
294
14761 मचकू
श्री. श्री.
श्री वीर सूरि
विमलनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
295 | 1476 | ललतादेकाउ
अभिनंदन
अ.प.जै.धा.प्र.म.
श्री. श्री. सागरचंद्रसूरि/
पिप्पलगच्छ दीसावाल ज्ञा. | सोमसुंदर सूरि/तपा
296
1476 | कीलहणदे, मचकू
अभिनंदन
अ.प.जै.धा.प्र.म.
297 | 1477| आलूणसिगारदे
प्रा. ज्ञा.
मुनिसिंहसूरि
पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
298 | 1477 | धर्मादे
उप. वंष
सोमसुंदरसूरि /तपा.
शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
299 | 1478 | हांसलदे
धर्मनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
300 | 1478 | रूडी, सूइजलदे
उसिवाल ज्ञा. | महेंद्रसूरि हारीजगच्छ श्री. श्री ज्ञा. अमरसिंह सूरी
आगमगच्छ प्रा. ज्ञा. सोमसुंदरसूरि/तपा.
सुविधिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
301
1478| माकु
शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
302 | 1479 | नागिया
उसवाल ज्ञा.
| सागरतिलकसूरि
पद्यप्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
303
1480| देदी
श्रीमाल ज्ञा.
अजितनाथ
| अ.प.जै.धा.प्र.म.
पद्माणंदसूरि/ नागेन्द्रगच्छ श्रीसूरि
304
पार्श्वनाथ पंचतीर्थी
अ.प.जै.धा.प्र.म.
1481 | षोतलदे, हमीरदे, प्रीमलदे, प्रा. ज्ञा.
सलसणादे, धर्मादे 1481 | धांधलदे मेलू
श्री. श्री.
305
श्री सूरी/अंचलगच्छ
शीतलनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
306 | 1481 | जालहणदे दिरूलदे।
उप ज्ञा.
पूज्य सूरि/ब्रह्माणी
चंद्रप्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
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