________________
जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
संवत् श्राविका नाम
अवदान
संदर्भ ग्रंथ
वंश/गोत्र प्रेरक/प्रतिष्ठापक
गच्छ / आचार्य बालदा गोत्र | भोवाल पूर्णिमा
166
1485 | कमलादे
श्री मुनि सुव्रत
अ.प.जै.धा.प्र.म.
6
167
1485 | दानू
उपकेष ज्ञा.
श्री शांति सूरी
श्री आदिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
168 | 1486 / लुटक, झयनलदे
प्रागवाट् ज्ञा.
श्री सागर चन्द्र सूरी
श्री संभवनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
169 | 1486 | झवा, पोमादे
श्री श्रीमाल ज्ञा. | प्रति सिंह सूरी
श्री चन्द्र प्रभ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
170 | 1486 | हीमादे, मोहणदे
| कोरंटकीय श्रीकाक सूरी श्री त्रितीर्थी
अ.प.जै.धा.प्र.म.
ऊकेष रातीडीया गोत्र उपकेष ज्ञा.
1711486 सीतादे
श्री देव गुप्त सूरी
श्री चंद्र प्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
| 70
172
| 1489 | खेतलदे, बोधी, हांसू
| प्रा. ज्ञा.
श्री पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
10
173
1489 | माल्हणदे
प्रा. ज्ञा.
तपा श्री सोम सुंदर सूरी | श्री पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
| 70
174 | 1489 | नायलदे, पुरी
तपा. सोम सुंदर सूरी
श्री धर्मनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
170
1751489 माणिकदे
उपकेष श्री सिद्ध सूरी
श्री पद्म प्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
उपकेष ज्ञा. बाफणा गोत्र प्रा. ज्ञातीय
176
1490 | पूजा, मीघलदे
तपा. श्री सोम सुंदर सूरी श्री सुमतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
70
177 | 1490 | म्यापुरी, ढम्मीरदे
प्रा. ज्ञातीय
तपा. श्री सोम सुंदर सूरी श्री विमलनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
178 | 1491 | पांची, देल्हू
| प्रा. ज्ञातीय
श्री सूरी
श्री शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
179
1491 लाखणदे
प्रा. ज्ञातीय
तपा. श्री सोम सुंदर सूरी | श्री मुनि सुव्रत स्वामी
अ.प.जै.धा.प्र.म.
71
180
1492 | पोमादे, सोनलदे
प्रा. ज्ञातीय
गूंदाप श्री रत्न प्रभु सूरी | श्री सुविधिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
71
1811492 | बूची, नागू
प्रा. ज्ञा.
मडाहड श्री नाणचन्द्र
श्री विमलनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
171
सुरी
182
1492 | रांभू, अमकू
................
तपा. श्री सोम सुंदर सूरी | श्री शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
| 1492 | काल्हणदे
हुंबड ज्ञा
तपा श्री सोम सुंदर सूरी | श्री कुंथुनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
71
184
1492 | राणी
प्रा. ज्ञा.
तपा श्री सोम सुंदर सूरी | श्री संभवनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
171
1851492 | कमलादे, लूणी, रूपादे
| उकेष ज्ञा
तपा श्री सोम सुंदर सूरी | श्री मुनि सुव्रत
अ.प.जै.धा.प्र.म.
186
1492
।
श्री महावीर
अ.प.जै.धा.प्र.म.
187
1492 ललतादे
उकेष वंष खरतर श्री जिन भद्र लूणीया गोत्र सूरी श्रीमाल ज्ञातीय | पिप्पल श्री उदय प्रभ
देव सूरी प्रा. ज्ञातीय श्री मुनि प्रभ सूरी
श्री चन्द्र प्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
188| 1492 | पुनी, पाल्हदे
श्री सुमतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
72
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org