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________________ 308 क्र 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 163 164 संवत् श्राविका नाम 1473 | कमलादे, भावलदे 1473 हांसी, सलखमादे, रसलखणदे 1474 खेतलदे 165 1475 समरदे 1476 नीणू राणी 1477 कडुआ, नरमादे, धांधलदे 1478 विजय, सिरि 1480 मनू पोमीणा 1480 1480 कामलदे 1480 भरमादे 1481 कर्म्मसिरि 1481 प्रेमा 1482 कर्मादे 1482 मेथी 162 1483 आसल 1482 | कामलदे 1482 कामलदे, पांची 1482 सुगणादे मयणाल, पावणदे, चांपलदे मणियार गोत्र 1482 मनू सागणदे 1483 तोड़ी 1484 पोरा, पोमादे, हेमी 1484 | भरमादे 1485 पाल्दी, आल्हरण वंश / गोत्र प्रा. ज्ञातीय Jain Education International प्रा. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. सांखला गोत्र प्रा. ज्ञा. उपकेष श्री सूरी नाणकीय उपकेष घणानी गोत्र प्रा. ज्ञा. ओसवाल ज्ञा. प्रा ज्ञा. उपकेष ज्ञा उकेष ज्ञा प्रा. ज्ञा. उपकेष ज्ञा. बोहरा उ.श्रे. उपकेष ज्ञा उपकेष ज्ञा. श्रीमाल ज्ञा ऊकेष ज्ञा. प्राग्वाट् ज्ञा. प्रागवाट् ज्ञा. प्रेरक / प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य तपा श्री सोमसुंदर सूरि उपकेष ज्ञा. गुढाउ रतन सूरि श्री धर्मघोष श्री पद्मषेखर सूरी च.......... पंचतीर्थी श्री शांति सूरी | जीरापल्लीय श्री शांति भद्रसूरी सूरी जीरापल्लीय श्री उदय चंद्र सूरी पूर्णिमा श्री सूरी श्री जिनवर्द्धन सूरी बृहद श्री रत्न प्रभसूरी श्री सोम सुंदर सूरी अवदान उपकेष श्री सिद्ध सूरी For Private & Personal Use Only आठवीं से पंद्रहवीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ गच्छ श्री हेमतिलक सूरि श्री शांतिनाथ श्री सूरी श्री आदिनाथ श्री सोमचंद्र सूरी श्री आदिनाथ श्री जयचंद्र सूरी श्री कुंथुनाथ श्री हीरानंद सूरी श्री वासुपूज्य संडेर श्री शांति सूरी श्री चन्द्र प्रभु श्री सोम सुंदर सूरी श्री अजितनाथ तपा श्री सोमचंद्र सूरी श्री मुनिसुव्रत श्री पद्मनाथ बृहद् श्री कमचन्द्र सूरी श्री वीर चंद्र सूरी श्री शांतिनाथ श्री संभवनाथ श्री पार्श्वनाथ श्री वासुपूज्य श्री अजितनाथ श्री आदिनाथ श्री सुमतिनाथ श्री मुनिसुव्रत श्री शांतिनाथ श्री कुंथुनाथ श्री सुमतिनाथ श्री चन्द्रप्रभ स्वामी श्री शांतिनाथ श्री कुंथुनाथ श्री वासुपूज्य संदर्भ ग्रंथ अ.प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा.प्र.म. अ.प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा.प्र.म. अ.प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा.प्र.म. अ.प. जै.धा.प्र.म. अ.प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा. प्र.म. अ. प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा.प्र.म. अ. प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा.प्र.म. अ.प. जै.धा. प्र.म. अ. प. जै.धा. प्र.म. अ.प. जै.धा.प्र.म. अ.प. जै.धा.प्र.म. अ.प. जै.धा.प्र.म. अ.प. जै.धा. प्र.म. पृ. 65 66 66 66 66 66 66 66 67 67 67 67 67 67 68 68 68 68 68 68 68 68 69 69 www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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