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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
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संवत् श्राविका नाम
अवदान
वंश/गोत्र || प्रेरक/प्रतिष्ठापक
आचार्य/गच्छ
संदर्भ ग्रंथ
प
प्राहिणी
ललितकीर्ति
देवीप्रतिमा
भ. सं.
हर्षिणी
देशनंदी
संभवनाथ प्रतिमा
चाणइ
धर्मभूषण
प्रतिमा
भ. सं.
रोहिणी, प्राहिणी
प्रतिमा
म. दि. जै.
255
गौरी
ऋषभदेव प्रतिमा | म. दि. जै. ती भा ३२
राया, वायणि
प्रतिमा
पाणु, पाहुणी
प्रतिमा
जमनी, रतना
प्रतिमा
श्रियादेवी, पूर्णदेवी
संवेग रंगशाला
|
के. सं. प्रा. मे
७
प्रिया, मूर्तिमती. सुंदरी, शीलमती, राजीमती
चउपन्नमहापुरिसचरियं
____ वही.
पादिका, सेहिणी, अइहवदेवी
ननी
श्री जिनपद्मसूरि
भवभावनाप्रकरण
स्वोपज्ञ
१२७ | १२७४ |
देवानंदसूरि
भगवती वत्ति
वही.
जिनदेवी, श्रीमति, गुणमति, कपूरदेवी,
सौभाग्यदेवी
७१-७२
१२६५ | माघलदेवी, अंगारदेवी,
लूणदेवी, सहजला.
प्रवचनसारोद्धार
वत्तिसह
१२४२ श्राविकाओं का चित्र है|
वही
नन्नी, नानी
1008-940 महावीरचरित्र गद्य-पद्य
जेप्रा.जैगंभहस्तसूची | ५८३ भवभावनावत्ति की
प्रति लिखवाई अभयकुमारगणि को | वही. ५.३|| ग्रंथ समर्पित किया था
| १२६२ |
जयति
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