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________________ जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास 269 संवत् श्राविका नाम अवदान वंश/गोत्र || प्रेरक/प्रतिष्ठापक आचार्य/गच्छ संदर्भ ग्रंथ प प्राहिणी ललितकीर्ति देवीप्रतिमा भ. सं. हर्षिणी देशनंदी संभवनाथ प्रतिमा चाणइ धर्मभूषण प्रतिमा भ. सं. रोहिणी, प्राहिणी प्रतिमा म. दि. जै. 255 गौरी ऋषभदेव प्रतिमा | म. दि. जै. ती भा ३२ राया, वायणि प्रतिमा पाणु, पाहुणी प्रतिमा जमनी, रतना प्रतिमा श्रियादेवी, पूर्णदेवी संवेग रंगशाला | के. सं. प्रा. मे ७ प्रिया, मूर्तिमती. सुंदरी, शीलमती, राजीमती चउपन्नमहापुरिसचरियं ____ वही. पादिका, सेहिणी, अइहवदेवी ननी श्री जिनपद्मसूरि भवभावनाप्रकरण स्वोपज्ञ १२७ | १२७४ | देवानंदसूरि भगवती वत्ति वही. जिनदेवी, श्रीमति, गुणमति, कपूरदेवी, सौभाग्यदेवी ७१-७२ १२६५ | माघलदेवी, अंगारदेवी, लूणदेवी, सहजला. प्रवचनसारोद्धार वत्तिसह १२४२ श्राविकाओं का चित्र है| वही नन्नी, नानी 1008-940 महावीरचरित्र गद्य-पद्य जेप्रा.जैगंभहस्तसूची | ५८३ भवभावनावत्ति की प्रति लिखवाई अभयकुमारगणि को | वही. ५.३|| ग्रंथ समर्पित किया था | १२६२ | जयति For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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