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(265); गृहस्थधर्म में प्रविष्टि या सम्यक्त्व ग्रहण (265) ; सम्यक्त्व ग्रहण पर तुलनात्मक दृष्टि से विचार (266); देव, गुरु और धर्म का स्वरूप 1. देव 2. गुरु 3. धर्म (267); जैन - साधना में गृहस्थ - आचार के प्राथमिक नियम (मूलगुण) (268) ; पंच औदुम्बर फल - त्याग (268) ; सप्तव्यसन-त्याग (268) ; गृहस्थ - जीवन की व्यावहारिक - नीति (269); अणुव्रतसाधना (272); श्रावक की व्रत - विवेचना में श्वेताम्बर तथा दिगम्बर- परम्पराओं का मतभेद (274); पाँच अणुव्रत (274) ; अहिंसा - अणुव्रत (274) ; सत्य-अणुव्रत (278) ; अचौर्य - अणुव्रत (280) ; ब्रह्मचर्याणुव्रत (स्वदार सन्तोष व्रत) (281) ; परिग्रहपरिमाण - व्रत (283); उसके पाँच अतिचार (284) ; तीन गुणव्रत (284); दिशा - परिमाण - व्रत (284) ; उपभोगपरिभोग- परिमाणव्रत (285) ; निषिद्ध व्यवसाय (287) ; बौद्ध परम्परा में निषिद्ध व्यवसाय (289); अनर्थदण्ड - परित्याग ( 289 ); चार शिक्षा-व्रत (291) ; सामायिक - व्रत (291) ; देशावकाशिक - व्रत ( 296 ) ; प्रोषधोपवास- व्रत (297); बौद्ध-विचारणा में उपोसथ (प्रोषध) (298) ; बौद्ध-विचारणा में निर्ग्रन्थ उपोसथ की आलोचना और उसका उत्तर (298) ; अतिथि - संविभाग- व्रत (300); बौद्ध विचारणा में गृहस्थ-धर्म (301) ; अष्टशील (303) ; पंच सामान्य - शील (1) अहिंसा - शील (2) अचौर्यशील (3) ब्रह्मचर्य या स्वपत्नी सन्तोष (4) अमृषावाद - शील (5) मद्यपानविरमण - शील (303) ; तीन उपोसथ शील (1) विकाल भोजन-परित्याग (2) माल्य-गन्ध - विरमण (3) उच्च शय्या-विमरण (303); भिक्षुसंघसंविभाग (303); निषिद्ध व्यापार - परित्याग (304); तुलना (304) हिन्दू आचार - दर्शन में गृहस्थ-धर्म (306) ; गान्धीजी की व्रत-व्यवस्था और जैनपरम्परा (308); अहिंसा (309); सत्य (310) ; अस्तेय ( 311 ); ब्रह्मचर्य (311); अपरिग्रह ( 311 ); शरीर-श्रम (312) ; अस्वाद (312) ; अभय (313) ; सर्व-धर्मसमानत्व (313) ; स्पर्शभावना ( 314 ) ; स्वदेशी (स्वावलम्बन ) ( 314 ); श्रावक के दैनिक षट्कर्म (316) ; हिन्दू-धर्म के गृहस्थ के षट्कर्म (316); श्रावक की दिनचर्या (317) ; गृहस्थ (उपासक) जीवन में नैतिक-विकास की भूमिकाएँ (317); ग्यारह प्रतिमाओं का स्वरूप (319) ; दर्शन - प्रतिमा (319) ; व्रत - प्रतिमा (320); सामायिक - प्रतिमा (320); प्रोषधोपवास- प्रतिमा (320); नियत - प्रतिमा (321); ब्रह्मचर्य - प्रतिमा (321); सचित्त- आहारवर्जन प्रतिमा (321); आरम्भत्याग-प्रतिमा (322); परिग्रह - विरत- प्रतिमा (322) ; अनुमतिविरति - प्रतिमा (322);
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