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भारतीय आचारदर्शन का स्वरूप
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पुनः, क्षमादि दशविधधर्मों को वैयक्तिक नैतिकता और दया, करुणा आदिको सामाजिक नैतिकता कहा जा सकता है। 5. भारतीय-परम्परा में आचारदर्शन (नीतिशास्त्र) की प्रकृति
पाश्चात्य-परम्परा में यह प्रश्न महत्वपूर्ण माना जाता रहा है कि नीतिशास्त्र की प्रकृति क्या है ? वह विज्ञान है या कला? अथवा दर्शन का एक अंग है ?
विज्ञान का व्यापक अर्थ किसी भी विषय का सुव्यवस्थित अध्ययन है और इस अर्थ को स्वीकार करने पर नीतिशास्त्र भी विज्ञान है, क्योंकि वह कर्त्तव्य, श्रेय या परमार्थ का सुव्यवस्थित अध्ययन करता है।
म्यूरहेड के अनुसार विज्ञान के तीन लक्षण हैं- सम्यक् निरीक्षण, निरीक्षित तथ्यों का वर्गीकरण और उन तथ्यों की व्याख्या। इन लक्षणों के आधार पर भी नीतिशास्त्र विज्ञान है, क्योंकि वह नैतिक तथ्यों का निरीक्षण, वर्गीकरण और उनकी व्याख्या करता है।
नीतिशास्त्र को विज्ञान मानने वाले विचारकों में इस आधार पर मतभेद हैं कि नीतिशास्त्र तथ्यात्मक विज्ञान है या आदर्शात्मक विज्ञान ? जो विचारक नीतिशास्त्र को समाजविज्ञान या मनोविज्ञान का ही एक अंग समझते हैं, उनके अनुसार नीतिशास्त्र भी अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान या विधिशास्त्र के समान एक तथ्यात्मक विज्ञान है, जबकि दूसरे कुछ विचारक उसे आदर्शात्मक विज्ञान मानते हैं, जिनके अनुसार नीतिशास्त्र का कार्य तथ्यों की व्याख्या करना नहीं, वरन् आदर्श का निर्देशन है। नीतिशास्त्र का सम्बन्ध है' से नहीं, वरन् ‘चाहिए' से है। वह यह बताता है कि क्या करना चाहिए' और क्या नहीं करना चाहिए। नीतिशास्त्र के निर्णय तथ्यात्मक नहीं, वरन् मूल्यात्मक होते हैं और इस रूप में वह आदर्शमूलक विज्ञान ही सिद्ध होता है।
1. क्या नीतिशास्त्रकला है?
विज्ञान और कला में प्रमुख अन्तर इस आधार पर किया जाता है कि विज्ञान का सम्बन्ध ज्ञान' या विचार से, और कला का सम्बन्ध कर्म या कृति से होता है। भारतीयपरम्परा में शुक्राचार्य ने विद्या (विज्ञान) और कला में प्रमुख अन्तर इस आधार पर माना है कि जो विचारविनिमय का विषय है, वह विद्या है और जो क्रिया का विषय है, वह कला है। 52(अ) कुछ विचारकों की दृष्टि में नीतिशास्त्र आचरण की कला है। जिस प्रकार रेखाओं, बिन्दुओं और रंगों का सुन्दर विन्यास चित्रकला है, स्वरों की सुव्यवस्था गायनकला है; उसी प्रकार मनोभावों एवं आचरण का सुन्दर अभियोजन, सन्तुलन और सुव्यवस्थापन आचरण की कला है। कला रचनात्मक होती है, लेकिन इसका अर्थ यह
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