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11. गीता में मोक्ष का स्वरूप
निष्कर्ष 459/ 12. साध्य, साधक और साधना-पथ का पारस्परिक सम्बन्ध
साध्य और साधक-जैन-दृष्टिकोण 460/ गीता का दृष्टिकोण 461/ साधना-पथ और साध्य 461/
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15 नैतिकता, धर्म और ईश्वर
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1. धर्म और नैतिकता का सम्बन्ध 2. धर्म और ईश्वर 3. कर्म-सिद्धान्त और ईश्वर 4. जैनदर्शन का समाधान 5. गीता का दृष्टिकोण 6. नैतिक साध्य के रूप में ईश्वर 7. उपास्य के रूप में ईश्वर 8. ईश्वर मूल्यों के अधिष्ठान के रूप में
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जैन-आचारदर्शन का मनोवैज्ञानिक पक्ष 1. मनोविज्ञान और आचार-दर्शन का सम्बन्ध
जैन आचार-दर्शन और मनोविज्ञान 480/ चेतन-जीवन के
विविध पक्ष और नैतिकता 481/ 2. नैतिकता का क्षेत्र संकल्पयुक्त कर्म
पाश्चात्य-दृष्टिकोण 482/ जैन-दृष्टिकोण 482/ बौद्ध
दृष्टिकोण 485/ गीता का दृष्टिकोण 485/ निष्कर्ष 486/ 3. प्राणीय-व्यवहार के प्रेरक तत्त्व
वासना का उद्भव तथा विकास 486/ वासना आचरण का प्रेरक-सूत्र 487/ जैन-दृष्टिकोण 487/ बौद्ध दृष्टिकोण 487/ गीता का दृष्टिकोण 488/ पाश्चात्य-मनोविज्ञान में व्यवहार के
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