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8. अन्तरायकर्म 407/1. दानान्तराय 407/ 2. लाभान्तराय 407/3. भोगान्तराय 408/4. उपभोगान्तराय
408/5. वीर्यान्तराय 408/ 5. घाती और अघाती कर्म
सर्वघाती और देशघाती कर्म-प्रकृतियाँ /409 6. प्रतीत्यसमुदत्पाद और अष्टकर्म-एक तुलनात्मक विवेचन 409
1 अविद्या 410/2. संस्कार 410/3. विज्ञान 410/4. नाम-रूप 411/5. षडायतन 411/6. स्पर्श 411/7. वेदना 411/8. तृष्णा 411/9. उपादान 412/10. भव
412/11. जाति 412/12. जरा-मरण 412/ 7. महायान-दृष्टिकोण और अष्टकर्म 8. कम्मभव और उप्पत्तिभव तथा घातीऔर अघाती कर्म 9. चेतना के विभिन्न पक्ष और बन्धन 414
आधुनिक मनोविज्ञान में चेतना 414/ जैन-दृष्टिकोण 415/ बौद्ध-दृष्टिकोण से तुलना 415/
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बन्धन से मुक्ति की ओर (संवर और निर्जरा) 1. संवर काअर्थ 2. जैन-परम्परा में संवर का वर्गीकरण
420 3. बौद्धदर्शन में संवर 4. गीता का दृष्टिकोण
422 5. संयम और नैतिकता
1. खान-पान में संयम 424/ 2. भोगों में संयम 424/3.
वाणी का संयम 425/ 6. निर्जरा
426 द्रव्य और भाव-निर्जरा 426/ सकाम और अकाम-निर्जरा
426/ 7. जैन-साधना में औपक्रमिक-निर्जरा का स्थान
औपक्रमिक-निर्जरा के भेद 428/
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