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________________ -24 144 147 147 भारतीय और पाश्चात्य नैतिक मानदण्ड के सिद्धान्त 1. सदाचार और दुराचार का अर्थ 137 2. जैन-दर्शन में सदाचार का मानदण्ड 138 3. नैतिक सन्देहवाद और जैन-आचारदर्शन 142 (अ) नैतिक सन्देहवाद की अर्थवैज्ञानिक युक्ति और तार्किक भाववाद 142/(आ) नैतिक सन्देहवाद की मनोवैज्ञानिक युक्ति 143/(इ) नैतिक सन्देहवाद की समाजशास्त्रीय युक्ति 144/ 4. जैनदर्शन को नैतिक सन्देहवाद अस्वीकार 5. नैतिक-प्रतिमान के सिद्धान्त 6. विधानवादी सिद्धान्त 1. बाह्य विधानवाद-सिद्धान्त (सामाजिक विधानवान, वैधानिक विधानवाद, ईश्वरीय विधानवाद) 148/ 2. आन्तरिक विधानवाद (बुद्धिवाद और जैनदर्शन, नैतिक इन्द्रियवाद और जैनदर्शन, सहानुभूतिवाद और जैनदर्शन, नैतिक अन्तरात्मवाद और जैनदर्शन, मनोवैज्ञानिक अन्तरात्मवाद) 150/ 7. प्रयोजनात्मक अथवासाध्यवादी सिद्धान्त 158 1. सुखवाद (मनोवैज्ञानिक सुखवाद और जैन-आचारदर्शन, अन्य भारतीय दर्शनों में मनोवैज्ञानिक सुखवाद, जैन आचारदर्शन और नैतिक सुखवाद, अरस्तू का मात्रा का मानक और जैनदर्शन) 159/ 2. विकासवाद और जैनदर्शन 168/3. बुद्धिपरतावाद और जैनदर्शन(सार्वभौम-विधान, प्रकृतिविधान, स्वयंसाध्य स्वतन्त्रता, साध्यों का राज्य) 171/4. पूर्णतावाद और जैनदर्शन 174/ 5. मूल्य का प्रतिमान और जैनदर्शन 176/ 8. मानवतावादी सिद्धान्त और जैन-आचारदर्शन 1. आत्मचेतनतावादी दृष्टिकोण और जैनदर्शन 180/ 2. विवेकवाद और जैनदर्शन 181/3. आत्मसंयम का सिद्धान्त 177 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003607
Book TitleBharatiya Achar Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages554
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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