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तथा मनुस्मृति आदि 102/बौद्ध-दृष्टिकोण 102/ ब्रैडले का
दृष्टिकोण और जैनदर्शन 103/ 3. नैतिकता का निरपेक्ष पक्ष 4. उत्सर्ग और अपवाद 5. डिवी का दृष्टिकोण और जैन-दर्शन 6. सापेक्ष नैतिकता और मनपरतावाद 7. सापेक्ष नैतिकता और अनेकान्तवाद 8. आदर्श व्यक्ति का आचार एवं मार्ग-निर्देश ही जनसाधारण के लिए
प्रमाणभूत 9. मार्गदर्शक के रूप में शास्त्र 10. निष्पक्ष बौद्धिक प्रज्ञा ही अन्तिम निर्णायक 11. नीति के सापेक्ष और निरपेक्ष तत्त्व
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नैतिक-निर्णय का स्वरूप एवं विषय 1. नैतिक-निर्णय का स्वरूप 2. नैतिक-निर्णय का कर्ता 3. हेतुवाद और फलवाद की समस्या 4. हेतु और फल के सम्बन्ध में जैन, बौद्ध तथा गीता का दृष्टिकोण 124 5. जैन-दर्शनों में हेतुवाद और फलवाद का समन्वय
127 तुलना 128/ मूल्यांकन 129/ 6. नैतिक-निर्णय के सन्दर्भ में पाश्चात्य विचारकों के दृष्टिकोण
मिल 131/ कांट 131/ मार्टिन्यू 131/ मैकेंजी 131/ 7. अभिप्राय और जैनदृष्टि 8. अभिप्रेरक और जैनदृष्टि 9. संकल्प और जैनदृष्टि 10. चारित्र और नैतिक-निर्णय
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