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ठाणं (स्थान)
५५. धायइडदीवपुर स्थिमद्धे णं सत्त वासहरपव्वता पण्णत्ता, तं जहा चुल्ल हिमवंते, ● महाहिमवंते, सिढे, णीलवंते, रुप्पी, सिहरी, मंदरे ।
५६. धायइडदीवपुर स्थिमद्धे णं सत्त महानदीओ पुरस्थाभिमुहीओ कालोस मुद्दे समति, तं जहा— गंगा, रोहिता, हरी, सीता, परकता, सुवण्णकूला, रत्ता । ५७. धायइडदीवपु रत्थिमद्धे णं सत्त महानदीओ पच्चत्थाभिमुहीओ लवणसमुद्दे समप्र्पति तं जहा— सिंधु, रोहितंसा, हरिकंता, सीतोदा, णारिकता, रुप्पकूला, रत्तावत्ती ।
५८. धायइसंडदीवे, पच्चत्थिमद्धे णं सत्तवासा एवं चेव, णवरं पुरत्था - भिमुहीओ लवणसमुद्दं समप्र्पति, पच्चत्थाभिमुहीओ कालोदं । सेसं तं चैव ।
५६. पुक्रवरदीवडपुर स्थिमद्धे णं सत्त वासा तहेव, वरं पुरस्थाभिमुहीओ पुक्खरोदं समुद्द समप्र्पति, पच्चत्याभिमुहीओ कालोदं समुदं समप्र्पति । सेसं तं चैव ।
६०. एवं पच्चत्थिमद्धेवि । वरं पुरत्थाभिमुहीओ कालोदं समुदं समप्पेंति, पच्चत्याभिमुहीओ पुक्रोदं समप्र्पति । सव्वत्थ वासा वासह रपव्वता णदीओ भाणितव्वाणि ।
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स्थान ७ : सूत्र ५५-६०
पर्वत हैं
धातकीषण्डद्वीपपौरस्त्यार्थे सप्त वर्षधर - ५५. धातकीषण्डद्वीप के पूर्वार्द्ध में सात वर्षधर पर्वताः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा— क्षुद्रहिमवान्, महाहिमवान्, निषधः, नीलवान्, रुक्मी, शिखरी, मन्दरः ।
१. क्षुद्रहिमवान्
२. महाहिमवान्
३. निषध, ४. नीलवान्, ५. रुक्मी, ६. शिखरी, ५. मन्दर ।
५६. धातकीषण्डद्वीप के पूर्वार्द्ध में सात महानदियां पूर्वाभिमुख होती हुई कालोद समुद्र में समाप्त होती हैं
धातकीपण्डद्वीप पौरस्त्यार्धे सप्त महानद्यः पूर्वाभिमुखाः कालोदसमुद्रं समपर्यन्ति, तद्यथा—
गङ्गा, रोहिता, हरित्, शीता, नरकान्ता, सुवर्णकूला, रक्ता ।
धातकीषण्डद्वीपे पौरस्त्यार्धे सप्त महानद्यः पश्चिमाभिमुखाः लवण समुद्रं समर्पयन्ति, तद्यथा—
सिन्धू, रोहितांशा, हरिकान्ता, शीतोदा, नारीकान्ता, रूप्यकूला, रक्तवती ।
धातकीषण्डद्वीपे पाश्चात्यार्धे सप्त वर्षाणि एवं चैव, नवरं - पूर्वाभिमुखा लवणसमुद्रं समर्पयन्ति, पश्चिमाभिमुखाः कालोदम् । शेषं तच्चैव ।
सप्त
पुष्करवरद्वीपार्धपौरस्त्यार्धे वर्षाणि तथैव, नवरम् — पूर्वाभिमुखा पुष्करोदं समुद्रं समर्पयन्ति, पश्चिमाभिमुखाः कालोदं समुद्रं समर्पयन्ति । शेषं तच्चैव ।
एवं पाश्चात्यार्धेऽपि । नवरम्पूर्वाभिमुखाः कालोदं समुद्रं समर्पयन्ति, पश्चिमाभिमुखाः पुष्करोदं समर्पयन्ति सर्वत्र वर्षाणि वर्षधरपर्वताः नद्यः च भणितव्याः ।
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१. गंगा, २. रोहिता, ३. हरित्, ४. शीता. ५. नरकांता, ६. सुवर्णकूला,
७. रक्ता ।
५७. धातकीषण्डद्वीप के पूर्वार्द्ध में सात महानदियां पश्चिमाभिमुख होती हुई कालोद समुद्र में समाप्त होती हैं
१. सिंधू, २. रोहितांशा, ३. हरिकांता, ४. शीतोदा, ५. नारीकांता,
६. रूप्यकूला, ७. रक्तवती । ५८. धातकीषण्डद्वीप के पश्चिमार्ध में सात
वर्ष, सात वर्षधर पर्वत और सात नदियों के नाम पूर्वार्धवर्ती वर्ष आदि के समान ही हैं। केवल इतना अन्तर आता है कि पूर्वाभिमुखी नदियां लवण समुद्र में और पश्चिमाभिमुखी नदियां कालोद समुद्र में समाप्त होती हैं ।
५६. अर्धपुष्करवरद्वीप के पूर्वार्ध में सात वर्ष, सात वर्षधर पर्वत और सात नदियों के नाम धातकीषण्डद्वीपवर्ती वर्ष आदि के समान ही हैं। केवल इतना अन्तर आता है कि पूर्वाभिमुखी नदियां पुष्करोद समुद्र में और पश्चिमाभिमुखी नदियां कालोद समुद्र में समाप्त होती हैं ।
६०. अर्धपुष्करवरद्वीप के पश्चिमार्ध में सात वर्ष, सात वर्षधर पर्वत और सात नदियों के नाम धातकीषण्डद्वीपवर्ती वर्ष आदि के समान ही हैं । केवल इतना अन्तर आता है कि पूर्वाभिमुखी नदियां कालोद समुद्र में और पश्चिमाभिमुख नदियां पुष्करोद समुद्र में समाप्त होती हैं ।
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