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ठाणं (स्थान)
मस्स-पदं
मनुष्य-पदम्
२०. छविवहा मणुस्सा पण्णत्ता, तं षड्विधाः मनुष्याः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा
जहा
जंबूदीवगा,
जम्बूद्वीपगाः, धातकीपण्डद्वीपपौरस्त्यार्धगाः,
धातकीपण्डद्वीपपाश्चात्यार्धगाः,
पुष्करवरद्वीपार्धपौरस्त्यार्धगाः, पुष्करवरद्वीपार्धपाश्चात्यार्धगाः, अन्तद्वीपगाः ।
धाय संदीपुर स्थिमद्धगा, धायइसंडदीवपच्चत्थिमद्धगा,
पुवखरवर दीवडूपुर स्थिमद्धगा,
पुक्खरवरदीव पच्चत्थिमद्धगा,
अंतरदीवगा।
अहवा छविवहा मणुस्सा पण्णत्ता, अथवा षड्विधाः मनुष्याः, प्रज्ञप्ताः,
तद्यथा
तं जहासंमुच्छममणुस्सा
कम्मभूमगा, अकम्मभूमगा, अंतरदीवगा,
गब्भवक्कंति अमणुस्सा
कम्मभूमगा
अंतरदीवगा ।
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अम्मभूमगा
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सम्मूच्छिममनुष्याः—
कर्मभूमिगाः (जाः ) अकर्मभूमिगाः अन्तद्वीपगाः,
गर्भावक्रान्तिकमनुष्याः
कर्मभूमिगाः अकर्मभूमिगाः अन्तर्द्वीपगाः ।
२१. छव्विा इड्डिता मणुस्सा पण्णत्ता, षड्विधाः ऋद्धिमन्तः मनुष्याः प्रज्ञप्ताः,
तं जहा -
अरहंता, चक्कवट्टी, बलदेवा, वासुदेवा, चारणा, विज्जाहारा । २२. छविहा अणिड्डिमंता मणुस्सा
पण्णत्ता, तं जहाहेमवतगर, हेरण्णवतगा, हरिवासगा, रम्मगवासगा, कुरुवासिणो, अंतरदीवगा ।
कालचक्क - पदं
२३. छव्विहा ओसप्पिणी पण्णत्ता, तं पविधा
जहा -
तद्यथा—
तद्यथाअर्हन्तः, चक्रवत्तिनः, बलदेवाः, वासुदेवाः, चारणाः, विद्याधराः । षड्विधाः अनृद्धिमन्तः मनुष्याः प्रज्ञप्ताः,
तद्यथा
हैमवतगाः हैरण्यवतगाः, हरिवर्षगाः, रम्यक्वर्षगाः कुरुवासिनः अन्तर्द्वीपगाः ।
कालचक्र-पदम्
अवसर्पिणी प्रज्ञप्ता,
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स्थान ६ : सूत्र २० - २३
मनुष्य-पद
२०. मनुष्य छह प्रकार के होते हैं१. जम्बूद्वीप में उत्पन्न,
२. धातकीपण्ड द्वीप के पूर्वार्द्ध में उत्पन्न,
३. धातकीपण्ड द्वीप के पश्चिमार्द्ध में उत्पन्न,
४. अर्धपुष्करवरद्वीप के पूर्वार्द्ध में उत्पन्न,
५. अर्धपुष्करवरद्वीप के पश्चिमार्द्ध में उत्पन्न, ६. अन्तद्वीप में उत्पन्न ।
अथवा - मनुष्य छह प्रकार के होते हैं
१. कर्मभूमि में उत्पन्न होने वाले सम्मूच्छिम |
२. अकर्मभूमि में उत्पन्न होने वाले सम्मूच्छिम |
३. अन्तद्वीप में उत्पन्न होने वाले सम्मूच्छिम |
४. कर्मभूमि में उत्पन्न होने वाले गर्भज
५. अकर्मभूमि में उत्पन्न होने वाले गर्भज । ६. अन्तद्वीप में उत्पन्न होने वाले गर्भज ।
२१. ऋद्धिमान् पुरुष छह प्रकार के होते हैं
१. अर्हन्त, २ . चक्रवर्ती, ३. बलदेव, ४. वासुदेव, ५. चारण', ६. विद्याधर ।
२२. अनृद्धिमान् पुरुष छह प्रकार के होते हैं
१. हैमवतज - हैमवत क्षेत्र में पैदा होने वाले, २. हैरण्यवतज, ३. हरिवर्षज, ४. रम्यकवर्षज, ५. कुरुवर्षज,
६. अन्तद्वीपज ।
कालचक्र पद २३. अवसर्पिणी के छह प्रकार हैं
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