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________________ स्थान १ : सूत्र २२२-२३४ २२२. पुरुषलिंग-सिद्धों की वर्गणा एक है। २२३. नपुंसकलिंग-सिद्धों की वर्गणा एक है। ठाणं (स्थान) १५ २२२. एगा पुरिलिगसिद्धाणं वग्गणा। एका पुरुषलिङ्गसिद्धानां वर्गणा। २२३. एगा गपुंसकलिंगसिद्धाणं एका नपुंसकलिङ्गसिद्धानां वर्गणा। वग्गणा। २२४. एगा सलिंगसिद्धाणं वग्गणा। एका स्वलिङ्गसिद्धानां वर्गणा। २२५. एगा अण्णलिंगसिद्धाणं वग्गणा। एका अन्यलिङ्गसिद्धानां वर्गणा। २२६. एगा गिहिलिंगसिद्धाणं वग्गणा एका गृहिलिङ्गसिद्धानां वर्गणा। २२७. एगा एक्क सिद्धाणं वग्गणा। एका एकसिद्धानां वर्गणा। २२८. एगा अणिक्कसिद्धाणं वग्गणा। २२६. एगा अपढमसमयसिद्धाणं वग्गणा, एका अप्रथमसमयसिद्धानां वर्गणा, एवं-जाव अणंतसमयसिद्धाणं एवम्-यावत् अनन्तसमयसिद्धानां वग्गणा। वर्गणा। २२४. स्वलिंग-सिद्धों की वर्गणा एक है। २२५. अन्यलिंग-सिद्धों की वर्गणा एक है। २२६. गृहिलिंग-सिद्धों की वर्गणा एक है। २२७ एक-सिद्धों१२ की वर्गणा एक है। २२८. अनेक-सिद्धो की वर्गणा एक है। २२६. दूसरे समय के सिद्धों की वर्गणा एक है। इसी प्रकार तीसरे, चौथे यावत् अनन्त समय के सिद्धों की वर्गणा एक-एक है। पोग्गल-पदं पुद्गल-पदम् पुद्गल-पद २३०. एगा परमाणुपोग्गलाणं वग्गणा, एका परमाणुपुद्गलानां वर्गणा, २३०. परभाणु-पुद्गलों की वर्गणा एक है। इसी एवं-जाव एगा अणंतपएसियाणं एवम्-यावत् एका अनन्तप्रदेशिकानां प्रकार द्विप्रदेशी, त्रिप्रदेशी यावत् अनन्तखंधाणं वग्गणा। स्कन्धानां वर्गणा। प्रदेशी स्कंधों की वर्गणा एक-एक है। २३१. एगा एगपएसोगाढाणं पोग्गलाणं एका एकप्रदेशावगाढानां पुद्गलानां २३१. एक प्रदेशावगाढ पुद्गलों की वर्गणा एक वग्गणा जाव एगा असंखज्जपए- वर्गणा यावत् एका असंखेयप्रदेशाव- है। इसी प्रकार दो, तीन यावत् असंख्यसोगाढाणं पोग्गलाणं वग्गणा। गाढानां पुदगलानां वर्गणा। प्रदेशावगाढ पुद्गलों की वर्गणा एक एक है। २३२. एगा एगसमयठितियाणं एका एकसमयस्थितिकानां पुद्गलानां २३२. एक समय की स्थिति वाले पुद्गलों की पोग्गलाणं वग्गणा जाव वर्गणा यावत् एका असंखेयसमय- वर्गणा एक है। इसी प्रकार दो, तीन एगा असंखेज्जसमय ठितियाणं स्थितिकानां पुद्गलानां वर्गणा। यावत् असंख्य-समय की स्थिति वाले पोग्गलाणं वग्गणा। पुद्गलों की वर्गणा एक-एक है। २३३. एगा एगगुणकालगाणं पोग्गलाणं एका एकगुणकालकानां पुद्गलानां २३३. एक गुण काले पुद्गलों की वर्गणा एक वग्गणा जाव एगा वर्गणा यावत् एका असंखय- है। इसी प्रकार दो या तीन यावत् असंखेज्जगुणकालगाणं पोग्गलाणं गुणकालकानां पुद्गलानां वर्गणा, असंख्य गुण काले पुद्गलों की वर्गणा वग्गणा, एका अनन्तगुणकालकानां पुद्गलानां एक-एक है। अणंतगुणकालगाणं वर्गणा। अनन्त गुण काले पुद्गलों की वर्गणा पोग्गलाणं वागणा। एक है। २३४. एवं-वण्णा गंधा रसा फासा एवम्-वर्णा गन्धा रसाः स्पर्शा २३४. इसी प्रकार सभी वर्ण, गन्ध, रस और भाणियव्वा जाव एगा अणंतगुण- भणितव्याः यावत् एका अनन्तगुण- स्पर्शो के एक गुण वाले यावत् अनन्त लुक्खाणं पोग्गलाणं वग्गणा। रूक्षाणां पुद्गलानां वर्गणा। गुण रूक्ष स्पर्श वाले पुद्गलों की वर्गणा एक-एक है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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