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स्थान १: सूत्र ४५-७६
ठाणं (स्थान) ४५. एगे णाणे। ४६. एगे दंसणे। ४७. एगे चरित्ते। ४८. एगे समए। ४६. एगे पएसे। ५०. एने परमाणू। ५१. एगा सिद्धी। ५२. एगे सिद्ध। ५३. एगे परिणिव्वाणे। ५४. एगे परिणिवुए।
एक ज्ञानम्। एकं दर्शनम्। एक चरित्रम्। एकः समयः । एक: प्रदेशः। एकः परमाणुः । एका सिद्धिः। एक: सिद्धः। एक परिनिर्वाणम् । एकः परिनिर्वृतः।
४५. ज्ञान" एक है। ४६. दर्शन एक है। ४७. चरित्र" एक है। ४८. समय एक है। ४६. प्रदेश एक है। ५०. परमाणु एक है। ५१. सिद्धि एक है। ५२. सिद्ध एक है। ५३. परिनिर्वाण एक है। ५४. परिनिर्वत एक है।
पोग्गल-पदं ५५. एगे सद्दे। ५६. एगे रूवे। ५७. एगे गंधे। ५८. एगे रसे। ५६. एगे फासे। ६०. एगे सुब्भिसद्दे। ६१. एगे दुन्भिसद्दे। ६२. एगे सुरूवे। ६३. एगे दुरूवे। ६४. एगे दोहे। ६५. एगे हस्से। ६६. एगे वट्टे। ६७. एगे तंसे। ६८. एगे चउरंसे। ६६. एगे पिहले। ७०. एगे परिमंडले। ७१. एगे किण्हे। ७२. एगे णीले। ७३. एगे लोहिए। ७४. एगे हालिद्दे । ७५. एगे सुक्किल्ले। ७६. एगे सुभिगंधे।
पुद्गल-पदम् एकः शब्दः । एक रूपम् । एको गन्धः । एको रसः। एकः स्पर्शः। एकः सुशब्दः । एकः दुःशब्दः। एकं सुरूपम् । एक दूरूपम् । एको दीर्घः । एको ह्रस्वः । एको वृत्तः । एक: व्यस्रः। एक: चतुरस्त्रः। एकः पृथुलः । एकः परिमण्डलः। एकः कृष्णः। एको नीलः । एको लोहितः। एको हारिद्रः। एकः शुक्लः । एकः सुगन्धः।
पुद्गल-पद ५५. शब्द एक है। ५६. रूप एक है। ५७. गंध" एक है। ५८. रस एक है। ५६. स्पर्श एक है। ६०. शुभ-शब्द" एक है। ६१. अशुभ-शब्द" एक है। ६२. शुभ-रूप एक है। ६३. अशुभ-रूप एक है। ६४. दीर्घ एक है। ६५. ह्रस्व एक है। ६६. वृत्त एक है। ६७. त्रिकोण" एक है। ६८. चतुष्कोण एक है। ६६. विस्तीर्ण एक है। ७०. परिमण्डल" एक है। ७१. कृष्ण" एक है। ७२. नील एक है। ७३. लोहित एक है। ७४. हारिद्र" एक है। ७५. शुक्ल एक है। ७६. शुभ-गंध एक है।
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