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ठाणं (स्थान)
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स्थान ४: सूत्र ४५८-४६१ दुग्गए णाममेगे दुप्पडिताणंदे, दुर्गत: नामैकः दुष्प्रत्यानन्दः, १. कुछ पुरुष दुर्गत और दुष्प्रत्यानंददुग्गए णाममेगे सुप्पडिताणंदे, दुर्गत: नामैक: सुप्रत्यानन्दः,
कृतघ्न होते हैं, २. कुछ पुरुष दुर्गत और सुग्गए णाममेगे दुप्पडिताणंदे, सुगतः नामैक: दुष्प्रत्यानन्दः,
सुप्रत्यानंद -- तृतज्ञ होते हैं, ३. कुछ पुरुष सुग्गए णाममेगे सुप्पडिताणंदे। सुगतः नामैक: सुप्रत्यानन्दः । सुगत और दुष्प्रत्यानंद—कृतघ्न होते हैं,
४. कुछ पुरुष सुगत और सुप्रत्यानंद-----
कृतज्ञ होते हैं। ४५८. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, ४५८. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष दुर्गत और दुर्गतिगामी होते दुग्गए णाममेगे दुग्गतिगामी, दुर्गतः नामैकः दुर्गतिगामी,
हैं, २. कुछ पुरुष दुर्गत और सुगतिगामी दुग्गए णाममेगे सुग्गतिगामी, दुर्गतः नामकः सुगतिगामी,
होते हैं, ३. कुछ पुरुष सुगत और दुर्गतिसुग्गए णाममेगे दुग्गतिगामी, सुगतः नामैकः दुर्गतिगामी,
गामी होते हैं, ४. कुछ पुरुष सुगत और सुग्गए णाममेगे सुग्गतिगामी। सुगत: नामकः सुगतिगामी।
सुगतिगामी होते हैं। ४५६. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, ४५६. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष दुर्गत होकर दुर्गति को प्राप्त दुग्गए णाममेगे दुग्गति गते, दुर्गतः नामैकः दुर्गतिं गतः,
हुए हैं, २. कुछ पुरुष दुर्गत होकर सुगति दुग्गए णाममेगे सुग्गति गते, दुर्गत: नामैक: सुतिं गतः,
को प्राप्त हुए हैं, ३. कुछ पुरुष सुगत सुग्गए णाममेगे दुर्गात गते, सुगतः नामकः दुर्गतिं गतः,
होकर दुर्गति को प्राप्त हुए हैं, ४. कुछ सुग्गए णाममेगे सुग्गति गते। सुगतः नामैकः सुगति गतः।
पुरुष सुगत होकर सुगति को प्राप्त हुए
तम-जोति-पदं तमः-ज्योतिः-पदम्
तम-ज्योति-पद ४६०. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, ४६०. पुरुष चार प्रकार के होते हैं--- जहातद्यथा
१. कुछ पुरुष पहले भी तम-अज्ञानी होते तमे णाममेगे तमे, तमो नामैकः तमः,
हैं और पीछे भी तम-अज्ञानी ही होते हैं, तमे णाममेगे जोती,
२. कुछ पुरुष पहले तम होते हैं, पर पीछे तमो नामैकः ज्योतिः,
ज्योति-ज्ञानी हो जाते हैं, ३. कुछ पुरुष जोती णाममेगे तमे, ज्योति मैक: तमः,
पहले ज्योति होते हैं, पर पीछे तम हो जोती णाममेगे जोती। ज्योति मैकः ज्योतिः।
जाते हैं, ४. कुछ पुरुष पहले भी ज्योति
होते हैं और पीछे भी ज्योति ही होते हैं । ४६१. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, ४६१. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहा-- तद्यथा
१. कुछ पुरुष तम और तमोबल-असदातमे णाममेगे तमबले, तमो नामैकः तमोबलः,
चारी होते हैं, २. कुछ पुरुष तम और
ज्योतिबल--सदाचारी होते हैं, ३. कुछ तमे णाममेगे जोतिबले, तमो नामैक: ज्योतिर्बलः,
पुरुष ज्योति और तमोबल होते हैं, जोती णाममेगे तमबले, ज्योति मैकः तमोबलः,
४. कुछ पुरुष ज्योति और ज्योतिबल जोती णाममेगे जोतीबले। ज्योति मैक: ज्योतिर्बलः।
होते हैं।
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