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पढमं ठाणं : प्रथम स्थान
१. सुयं मे आउसं ! तेणं भगवता
एवमक्खायं.
संस्कृत छाया श्रुतं मया आयुष्मन् ! तेन भगवता एवं आख्यातम्
हिन्दी अनुवाद १. आयुष्मान् ! मैंने सुना, भगवान् ने ऐसा कहा है
अस्तिवाद-पदम्
अस्थिवाय-पदं २. एगे आया। ३. एगे दंडे। ४. एगा किरिया। ५. एगे लोए। ६. एगे अलोए। ७. एगे धम्मे। ८. एगे अहम्मे। ९. एगे बंधे। १०. एगे मोक्खे। ११. एगे पुण्णे। १२. एगे पावे। १३. एगे आसवे। १४. एगे संवरे। १५. एगा वेयणा। १६. एगा णिज्जरा।
एक आत्मा । एको दण्डः । एका क्रिया। एको लोकः। एको ऽलोकः। एको धर्मः। एकोऽधर्मः। एको बन्धः। एको मोक्षः। एक पुण्यम्। एकं पापम्। एक आश्रवः। एक: संवरः। एका वेदना। एका निर्जरा।
अस्तिवाद-पद २. आत्मा' एक है। ३. दण्ड एक है। ४. क्रिया' (प्रवृत्ति) एक है। ५. लोक एक है। ६. अलोक एक है। ७. धर्म' (धर्मास्तिकाय) एक है। ८. अधर्म (अधर्मास्तिकाय) एक है। ६. वन्ध एक है। १०. मोक्ष एक है। ११. पुण्य" एक है। १२. पाप" एक है। १३. आस्रव एक है। १४. संवर" एक है। १५. वेदना" एक है। १६. निर्जरा" एक है।
प्रकीर्णक-पदम् एको जीवः प्रत्येककेन शरीरकेण ।
प्रकीर्णक-पद १७. प्रत्येक शरीर में जीव एक है।
एका जीवानां अपर्यादाय विकरणम।
पइण्णग-पदं १७. एगे जीवे पाडिक्कएणं
सरीरएणं। १८. एगा जीवाणं अपरिआइत्ता
विगुव्वणा। १६. एगे मणे। २०. एगा वई। २१. एगे काय-वायामे।
एक मनः। एका वाक। एक: काय-व्यायामः।
१८. अपर्यादाय (बाह्य पुद्गलों को ग्रहण
किये बिना होने वाली विक्रिया) एक है। १६. मन एक है। २०. वचन" एक है। २१. कायव्यायाम" एक है।
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