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ठाणं (स्थान)
एगे पंथजाईवि, उप्पहजाईवि, एगे जो पंथजाई, णो उप्पहजाई ।
रूव - सील-पदं
३८. चत्तारि पुष्पा पण्णत्ता, तं जहारुवसंपणे णाममेगे,
णो गंधपणे,
गंधपणे णाममेगे, णो रूवसंपणे, एगे रूवसंपण्णेवि, गंधसंपणे वि, एगे णो रूवसंपणे, णो गंधसंपण्णे ।
एवामेव चत्तारि पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि,
पण्णत्ता, त जहापंथजाई णाममेगे, जो उप्पहजाई, उपजाई णाममेगे, णो पंथजाई, एगे पंथजाईवि, उप्पहजाईवि, एगे णो पंथजाई, णो उप्पहजाई ।
३६६
णो सीलसंपणे, सीलसंपण्णे णाममेगे, णो रुवसंपणे, एगे रुवसंपण्णेवि, सोलसंपण्णेवि, एगे णो रुवसंपणे, णो सीलसंपण्णे ।
एकं पथयाय्यपि, उत्पथयाय्यपि, एकं नो पथयायी, नो उत्पथयायी ।
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तद्यथापथयायी नामैकः, नो उत्पथयायी, उत्पथयायी नामैकः, नो पथयायी, एकः पथयाय्यपि, उत्पथयाय्यपि, एक: नो पथयायी, नो उत्पथयायी ।
एवामेव चत्तारि पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि,
पण्णत्ता, तं जहा - रुवसंपणे णाममेगे,
रूप-शील-पदम्
चत्वारि पुष्पाणि प्रज्ञप्तानि तद्यथा - रूपसम्पन्नं नामैकं, नो गन्धसम्पन्नं, गंधसम्पन्नं नामैक, नो रूपसम्पन्नं, एकं रूपसम्पन्नमपि, गन्धसम्पन्नमपि एकं नो रूपसम्पन्नं, नो गन्धसम्पन्नम् ।
तद्यथारूपसम्पन्नः नामैकः, नो शीलसम्पन्नः, शीलसम्पन्नः नामैकः, नो रूपसम्पन्नः, एक: रूपसम्पन्नोऽपि, शीलसम्पन्नोऽपि, एक: नो रूपसम्पन्नः, नो शीलसम्पन्नः ।
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स्थान ४ : सूत्र ३८६
गामी होते हैं, मार्गगामी नहीं होते, ३. कुछ युग्य मार्गगामी भी होते हैं और उन्मार्गगामी भी होते हैं, ४. कुछ युग्य मार्गगामी भी नहीं होते और उन्मार्ग गामी भी नहीं होते ।
इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं
१. कुछ पुरुष मार्गगामी होते हैं, उन्मार्गगामी नहीं होते, २. कुछ पुरुष उन्मार्गगामी होते हैं, मार्गगामी नहीं होते, १३. कुछ पुरुष मार्गगामी भी होते हैं और उन्मार्गगामी भी होते हैं, ४. कुछ पुरुष न मार्गगामी होते हैं और न उन्मार्गगामी होते हैं ।
रूप- शील- पद
३८६. पुष्प चार प्रकार के होते हैं—
१. कुछ पुष्प रूप- सम्पन्न होते हैं, गन्धसम्पन्न नहीं होते, २. कुछ पुष्प गन्धसम्पन्न होते हैं, रूप- सम्पन्न नहीं होते, ३. कुछ पुष्प रूप सम्पन्न भी होते हैं और गन्ध-सम्पन्न भी होते हैं, ४. कुछ पुष्प न रूप- सम्पन्न होते हैं और न गन्ध-सम्पन्न होते हैं।
इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं
१. कुछ पुरुष रूप सम्पन्न होते हैं, गन्धसम्पन्न नहीं होते, २. कुछ पुरुष गन्धसम्पन्न होते हैं, रूप-सम्पन्न नहीं होते, ३. कुछ पुरुष रूप सम्पन्न भी होते और गन्ध-सम्पन्न भी होते हैं, ४. कुछ पुरुष न रूप- सम्पन्न होते हैं और न गन्ध-सम्पन्न होते हैं ।
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