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ठाणं (स्थान)
स्थान ४ : सूत्र ३८१-३८३ ३८१. 'चत्तारि हया पण्णत्ता, तं जहा- चत्वारः हयाः प्रज्ञप्ताः;- तद्यथा- ३८१. घोड़े चार प्रकार के होते हैं
जुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, युक्त: नामैक: युक्तपरिणतः, १. कुछ घोड़े युक्त होकर युक्त-परिणत जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते, युक्त: नामैक: अयुक्तपरिणतः, होते हैं, २. कुछ घोड़े युक्त होकर अयुक्तअजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, अयुक्तः नामक: युक्तपरिणतः, परिणत होते हैं, ३. कुछ घोड़े अयुक्त अजुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते। अयुक्तः नामकः अयुक्तपरिणतः । होकर युक्त-परिणत होते हैं, ४. कुछ
घोड़े अयुक्त होकर अयुक्त-परिणत
होते हैं। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते पण्णत्ता, तं जहा
तद्यथाजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, युक्त: नामैक: युक्तपरिणतः, १. कुछ पुरुष युक्त होकर युक्त-परिणत जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते, युक्त: नामैक: अयुक्तपरिणतः, होते हैं, २. कुछ पुरुष युक्त होकर अयुक्तअजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, अयुक्तः नामैकः युक्तपरिणतः, परिणत होते हैं, ३. कुछ पुरुष अयुक्त अजुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते। अयुक्तः नामकः अयुक्तपरिणतः । होकर युक्त-परिणत होते हैं, ४. कुछ
पुरुष अयुक्त होकर अयुक्त-परिणत होते
३८२. चत्तारि हया पण्णत्ता, तं जहा- चत्वारः हयाः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा- ३८२. घोड़े चार प्रकार के होते हैंजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, यूक्तः नामकः युक्तरूपः,
१. कुछ घोड़े युक्त होकर युक्त-रूप होते जुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे, युक्तः नामैक: अयुक्तरूपः,
हैं, २. कुछ घोड़े युक्त होकर अयुक्त-रूप अजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, अयुक्तः नामैक: युक्तरूपः, होते हैं, ३. कुछ घोड़े अयुक्त होकर युक्तअजुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे। अयुक्तः नामैक: अयुक्तरूपः। रूप होते हैं, ४. कुछ घोड़े अयुक्त होकर
अयुक्त-रूप होते हैं। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते पण्णत्ता, तं जहा
तद्यथाजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, युक्तः नामकः युक्तरूपः, १. कुछ पुरुष युक्त होकर युक्त-रूप होते जुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे, युक्तः नामैक: अयुक्तरूपः, हैं, २. कुछ पुरुष युक्त होकर अयुक्तअजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, अयुक्तः नामकः युक्तरूपः,
रूप होते हैं, ३. कुछ पुरुष अयुक्त होकर अजुत्ते णाममेगेअ जुत्तरूवे। अयुक्तः नामकः अयुक्तरूपः । युक्त-रूप होते हैं, ४. कुछ पुरुष अयुक्त
होकर अयुक्त-रूप होते हैं। ३८३. चत्तारि हया पण्णत्ता, तं जहा- चत्वारः हयाः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा- ३८३. घोड़े चार प्रकार के होते हैंजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, युक्तः नामकः युक्तशोभः,
१. कुछ घोड़े युक्त होकर युक्त शोभा
वाले होते हैं, २. कुछ घोड़े युक्त होकर जुत्ते णाममेगे अजुत्त सोभे, युक्तः नामकः अयुक्तशोभः,
अयुक्त शोभा वाले होते हैं, ३. कुछ घोड़े अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, अयुक्तः नामैक: युक्तशोभः,
अयुक्त होकर युक्त शोभा वाले होते हैं, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे। अयुक्तः नामैकः अयुक्तशोभः । ४. कुछ घोड़े अयुक्त होकर अयुक्त शोभा
वाले होते हैं।
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