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ठाणं (स्थान)
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स्थान ४: सूत्र ३७२-३७४ अजुत्ते णाममेगे जुत्ते, अयुक्तः नामैक: युक्तः,
वाले होते हैं-गुणों से समृद्ध होकर
वस्त्राभरणों से भी सुशोभित होते हैं, अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते। अयुक्त: नामैक: अयुक्तः ।
२. कुछ पुरुष युक्त होकर अयुक्त-रूप वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष अयुक्त होकर युक्त-रूप वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष
अयुक्त होकर अयुक्त-रूप वाले होते हैं। ३७२. चत्तारि जाणा पण्णत्ता, तं जहा- चत्वारि यानानि प्रज्ञप्तानि, तद्यथा-- ३७२. यान चार प्रकार के होते हैंजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, युक्तं नामैकं युक्तपरिणतं,
१. कुछ यान युक्त और युक्तपरिणत
होते हैं बैल आदि से जुड़े हुए होकर सामग्री जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते, युक्तं नामक अयुक्तपरिणतं,
के अभाव से सामग्री के भाव में परिणत अजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, अयुक्तं नामक युक्तपरिणतं,
हो जाते हैं २.कुछ यान युक्त होकर अयुक्त
परिणत होते हैं, ३. कुछ यान अयुक्त अजुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते। अयुक्तं नामैक अयुक्तपरिणतं । होकर युक्तपरिणत होते हैं,४. कुछ मान
अयुक्त होकर अयुक्तपरिणत होते हैं। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते पण्णत्ता, तं जहा
तद्यथाजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, युक्त: नामैक: युक्तपरिणतः, १. कुछ पुरुष युक्त और युक्तपरिणत होते जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते, युक्त: नामकः अयुक्तपरिणतः,
है-ध्यान आदि से समृद्ध होकर उचित
अनुष्ठान के अभाव से भाव में परिणत अजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, अयुक्तः नामकः युक्तपरिणतः, हो जाते हैं, २. कुछ पुरुष युक्त होकर अजुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते। अयुक्तः नामकः अयुक्तपरिणतः ।
अयुक्तपरिणत होते हैं, ३. कुछ पुरुष अयुक्त होकर युक्तपरिणत होते हैं, ४. कुछ पुरुष
अयुक्त होकर अयुक्तपरिणत होते है। ३७३. चत्तारि जाणा पण्णत्ता, तं जहा- चत्वारि यानानि प्रज्ञप्तानि, तद्यथा- ३७३. यान चार प्रकार के होते हैं..... जुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, युक्तं नामैक युक्तरूपं,
१. कुछ यान युक्त और युक्त-रूप वाले होते
है-बैल आदि से जुड़े हुए होकर वस्त्राभरणों जुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे, युक्तं नामैकं अयुक्तरूपं,
से सुशोभित होते हैं,२.कुछ यान युक्त होकर अजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, अयुक्तं नामक युक्तरूपं,
अयुक्त-रूप वाले होते हैं,३.कुछ यान अयुक्त
होकर युक्त-रूप वाले होते हैं, ४.कुछ यान अजुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे। अयुक्तं नामैकं अयुक्तरूपम्।
अयुक्त होकर अयुक्त-रूप वाले होते हैं । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, इसी प्रकार पुरुष चार प्रकार के होते हैंपण्णत्ता, तं जहा
१. कूछ पुरुष युक्त और युक्त-रूप वाले तद्यथा
होते हैं-गुणों से समृद्ध होकर वस्त्राभरणों जुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, युक्तः नामैक: युक्तरूपः,
से भी सुशोभित होते हैं, २. कुछ पुरुष जुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे, युक्त: नामक: अयुक्तरूपः,
युक्त होकर अयुक्त-रूप बाले होते है,
३. कुछ पुरुष अयुक्त होकर युक्त-रूप अजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, अयुक्तः नामैक: युक्तरूपः,
वाले होते है, ४. कुछ पुरुष अयुक्त होकर अजुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे। अयुक्तः नामैकः अयुक्तरूपः।
अयुक्त-रूप वाले होते हैं। ३७४. चत्तारि जाणा पण्णत्ता तं जहा- चत्वारि यानानि प्रज्ञप्तानि, तद्यथा- ३७४. यान चार प्रकार के होते हैंजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, युक्तं नामैक युक्तशोभं,
१. कुछ यान युक्त और युक्त शोभा वाले जुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे,
होते हैं—बैल आदि से जुड़े हुए तथा युक्तं नामैकं अयुक्तशोभं,
दीखने में सुन्दर होते हैं, २. कुछ यान युक्त अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, अयुक्तं नामैकं युक्तशोभं,
होकर अयुक्त शोभा वाले होते हैं, ३. कुछ अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे। अयुक्तं नामकं अयुक्तशोभम्।
यान अयुक्त होकर युक्त शोभावाले होते, ४. कुछ यान अयुक्त होकर अयुक्त शोभा वाले होते हैं।
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