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स्थान ४ : सूत्र २६६-२७०
ठाणं (स्थान)
खेमे णाममेगे अखेमरूवे, अखेमे णाममेगे खेमरूवे, अखेमे णाममेगे अखेमरूवे।
क्षेम: नामैक: अक्षेमरूपः, अक्षेमः नामैक: क्षेमरूपः, अक्षेम: नामकः अक्षेमरूपः ।।
अक्षेम रूप वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष अक्षेम और क्षेम रूप बाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष अक्षेम और अक्षम रूप वाले होते हैं।
वाम-दाहिण-पदं वाम-दक्षिण-पदम्
वाम-दक्षिण-पद २६६. चत्तारि संवुक्का पण्णत्ता, तं जहा- चत्वारः शम्बूकाः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा- २६९. शंख चार प्रकार के होते हैं - वामे णाममेगे वामावत्ते, वामः नामकः वामावर्तः,
१. कुछ शंख वाम [टेढे ] और वामावर्त वामे णाममेगे दाहिणावत्ते, वामः नामैक: दक्षिणावर्तः,
[बाईं ओर घुमाव वाले होते हैं, २. कुछ दाहिणे णाममेगे वामावत्ते, दक्षिणः नामैक: वामावर्तः,
शंख वाम और दक्षिणावर्त [दाई ओर दाहिणे णाममेगे दाहिणावत्ते। दक्षिणः नामैक: दक्षिणावर्तः ।
घुमाव वाले होते हैं, ३. कुछ शख दक्षिण [सीधे] और वामावर्त होते हैं, ४. कुछ
शंख दक्षिण और दक्षिणावर्त होते हैं। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते पण्णत्ता, तं जहातद्यथा
हैं-१. कुछ पुरुष बाम और वामावर्त वामे णाममेगे वामावत्ते, वामः नामैक: वामावर्तः,
होते हैं-स्वभाव से भी वक्र होते हैं और वामे णाममेगे दाहिणावत्ते, वामः नामकः दक्षिणावर्तः,
प्रवृत्ति से भी वक्र होते हैं, २. कुछ पुरुष दाहिणे णाममेगे वामावत्ते, दक्षिणः नामकः वामावर्तः,
वाम और दक्षिणावर्त होते हैं स्वभाव दाहिणे णाममेगे दाहिणावत्ते। दक्षिणः नामैक: दक्षिणावर्तः ।
से वक्र होते हैं, किन्तु कारणवश प्रवृत्ति में सरल होते हैं, ३. कुछ पुरुष दक्षिण और दक्षिणावर्त होते हैं-स्वभाव से भी सरल होते हैं और प्रवृत्ति से भी सरल होते हैं, ४. कुछ पुरुष दक्षिण और वामावर्त होते हैं-स्वभाव से सरल होते हैं किन्तु
कारणवश प्रवृत्ति में वक्र होते हैं। २७०. चत्तारि धूमसिहाओ पण्णत्ताओ, चतस्रः धूमशिखाः प्रज्ञप्ताः, २७०. धूम-शिखा चार प्रकार की होती हैंतं जहातद्यथा
१. कुछ धूमशिखा वाम और वामावर्त वामा णाममेगा वामावत्ता, वामा नामैका वामावर्ता,
होती हैं, २. कुछ धूमशिखा वाम और वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, वामा नामैका दक्षिणावर्ता,
दक्षिणावर्त होती हैं, ३. कुछ धूमशिखा दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, दक्षिणा नामका वामावर्ता,
दक्षिण और दक्षिणावर्त होती हैं, ४. कुछ दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता। दक्षिणा नामका दक्षिणावर्ता ।
धूमशिखा दक्षिण और वामावर्त होती हैं। एवामेव चत्तारि इत्थीओ एवमेव चतस्रः स्त्रियः प्रज्ञप्ताः, इसी प्रकार स्त्रियां भी चार प्रकार की पण्णत्ताओ, तं जहा. तद्यथा
होती हैं.-१. कुछ स्त्रियां बाम और वामा णाममेगा वामावत्ता, वामा नामका वामावर्ता, वामावर्त होती हैं, २. कुछ स्त्रियां वाम
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