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________________ ठाणं (स्थान) वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता । २७१. चत्तारि अग्गिसिहाओ पण्णत्ताओ, तं जहावामा णाममेगा वामावत्ता, वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता । एवामेव चत्तारि इत्थओ पण्णत्ताओ, तं जहा वामा णाममेगा वामावत्ता, वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता । २७२. चत्तारि वायमंडलिया पण्णत्ता, तं जहा - वामा णाममेगा वामावत्ता, वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता । वामा णाममेगा वामावत्ता, वामा णाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा णाममेगा वामावत्ता, दाहिणा णाममेगा दाहिणावत्ता । २७३. चत्तारि वणसंडा पण्णत्ता, तं जहा - वामे णाममेगे वामावत्ते, वामे णाममेगे दाहिणवत्ते, दाहिणे णाममेगे वामावत्ते, दाहिणे णाममेगे दाहिणावत्ते । ३५६ वामा नामका दक्षिणावर्ता, दक्षिणा नामैका वामावर्ता, दक्षिणा नामैका दक्षिणावर्ता 1 चतस्रः अग्निशिखाः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा— Jain Education International वामा नामैका वामावर्ता, वामा नामैका दक्षिणावर्ता, दक्षिणा नामैका वामावर्ता, दक्षिणा नामैका दक्षिणावर्ता । एवमेव चतस्रः स्त्रियः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा— एवामेव चत्तारि इत्थीओ एवमेव चतस्रः पण्णत्ताओ, तं जहा - तद्यथा वामा नामका वामावर्ता, वामा नामैका दक्षिणावर्ता, दक्षिणा नामैका वामावर्ता, दक्षिणा नामैका दक्षिणावर्ता । चतस्रः तद्यथा वामा नामैका वामावर्ता, वामा नामैका दक्षिणावर्ता, दक्षिणा नामैका वामावर्ता, दक्षिणा नामका दक्षिणावर्ता । वातमण्डलिकाः प्रज्ञप्ताः, स्त्रियः प्रज्ञप्ताः, वामा नामैका वामावर्ता, वामा नामैका दक्षिणावर्ता, दक्षिणा नामैका वामावर्ता, दक्षिणा नामैका दक्षिणावर्ता । चत्वारि वनषण्डानि प्रज्ञप्तानि तद्यथा वामं नामैकं वामावर्त, वामं नामैकं दक्षिणावर्त, दक्षिणं नामैकं वामावर्त, दक्षिणं नामैकं दक्षिणावर्तम् । For Private & Personal Use Only स्थान ४ : सूत्र २७१-२७३ और दक्षिणावर्त होती हैं, ३. कुछ स्त्रियां दक्षिण और दक्षिणावर्त होती हैं, ४. कुछ स्त्रियां दक्षिण और वामावर्त होती हैं। " २७१. अग्निशिखा चार प्रकार की होती हैं १. कुछ अग्निशिखा वाम और वामावर्त होती हैं, २. कुछ अग्निशिखा वाम और दक्षिणावर्त होती हैं, ३. कुछ अग्निशिखा दक्षिण और दक्षिणावर्त होती हैं, ४. कुछ अग्निशिखा दक्षिण और वामावर्त होती हैं । इसी प्रकार स्त्रियां भी चार प्रकार की होती हैं- १. कुछ स्त्रियां वाम और वामावर्त होती हैं, २. कुछ स्त्रियां वाम और दक्षिणावर्त होती हैं, ३. कुछ स्त्रियां दक्षिण और दक्षिणावर्त होती हैं, ४. कुछ स्त्रियां दक्षिण और वामावर्त होती हैं।" २७२. वातमंडलिका चार प्रकार की होती हैं १. कुछ वातमंडलिका वाम और वामावर्त होती हैं, २. कुछ वातमंडलिका वाम और दक्षिणावर्त होती हैं, ३. कुछ वात मंडलिका दणिण और दक्षिणावर्त होती हैं। ४. कुछ वात मंडलिका दक्षिण और वामावर्त होती हैं। इसी प्रकार स्त्रियां भी चार प्रकार की होती हैं - १. कुछ स्त्रियां वाम और वामावतं होती हैं, २. कुछ स्त्रियां वाम और दक्षिणावर्त होती हैं, ३. कुछ स्त्रियां दक्षिण और दक्षिणावर्त होती हैं, ४. कुछ स्त्रियां दक्षिण और वामावर्त होती हैं।" २७३. वनपण्ड [ उद्यान ] चार प्रकार के होते हैं - १. कुछ वनषण्ड वाम और वामावर्त होते हैं, २. कुछ वनपण्ड वाम और दक्षिणावर्त होते हैं, ३. कुछ वनपण्ड दक्षिण और दक्षिणावर्त होते हैं, ४. कुछ वनपण्ड दक्षिण और वामावर्त होते हैं। www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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