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स्थान ४: सूत्र २६७-२६५
ठाणं (स्थान)
३५७ एवामेव चत्तारि पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, पण्णत्ता, तं जहा.
तद्यथाउज्जू णाममेगे उज्जू,
ऋजुः नामैकः ऋजुः, उज्ज णाममेगे वंके,
ऋजुः नामैक: वक्र:, वंके णाममेगे उज्ज, वक्रः नामैक: ऋजुः, वंके णाममेगे के। वक्र: नामैक: वक्रः ।
इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-१. कुछ पुरुष ऋजु लगते हैं और ऋजु ही होते हैं, २. कुछ पुरुष ऋजु लगते हैं, किन्तु वास्तव में वक्र होते हैं, ३. कुछ पुरुष वक्र लगते हैं, किन्तु वास्तव में ऋजु होते हैं, ४. कुछ पुरुष वक्र लगते हैं और वक्र ही होते हैं।
खेम-अखेम-पदं क्षेम-अक्षेम-पदम्
क्षेम-अक्षेम-पद २६७. चत्तारि मग्गा पण्णत्ता, तं जहा- चत्वारः मागो: प्रज्ञप्ताः, तदयथा- २६७. मार्ग चार प्रकार का होता हैखेमे णाममेगे खेमे, क्षेमः नामक: क्षेमः,
१. कुछ मार्ग आदि में भी क्षेम [निरुपखेमे णाममेगे अखेमे, क्षेमः नामैक: अक्षेमः,
द्रव होते हैं और अन्त में भी क्षेम होते अखेमे णाममेगे खेमे, अक्षेम: नामैक: क्षेम,
हैं, २. कुछ मार्ग आदि में क्षेम होते हैं, अखेमे णाममेगे अखेमे। अक्षेमः नामैकः अक्षेमः।
किन्तु अन्त में अक्षम होते हैं, ३. कुछ मार्ग आदि में अक्षेम होते हैं और अन्त में क्षेम होते हैं, ४. कुछ मार्ग न आदि में
क्षेम होते हैं और न अन्त में क्षेम होते है। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, । इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते पण्णत्ता, तं जहातद्यथा
हैं-१. कुछ पुरुष आदि में भी क्षेम होते खेमे णाममेगे खेमे, क्षेम: नामकः क्षेमः,
हैं और अन्त में भी क्षेम होते हैं, २. कुछ खेमे णाममेगे अखमे, क्षेमः नामैक: अक्षेमः,
पुरुष आदि में क्षेम होते हैं, किन्तु अन्त में अखेमे णाममेगे खेमे, अक्षेमः नामकः क्षेमः,
अक्षेम होते हैं, ३. कुछ पुरुष आदि में अखेमे णाममेगे अखेमे। अक्षेमः नामैक: अक्षेमः।
अक्षेम होते हैं, किन्तु अन्त क्षेम होते हैं, ४. कुछ पुरुष न आदि में क्षेम होते हैं और
न अन्त में क्षेम होते हैं। २६८. चत्तारि मग्गा पण्णता, तं जहा- चत्वार: मार्गाः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा- २६८. मार्ग चार प्रकार का होता है-- खेमे णाममेगे खेमरूवे, क्षेमः नामैकः क्षेमरूपः,
१. कुछ मार्ग क्षेम और क्षेम रूप वाले होते खेमे णाममेगे अमरूवे, क्षेमः नामैक: अक्षेमरूपः,
हैं, २. कुछ मार्ग क्षेम और अक्षेम रूप अखेमे णाममेगे खेमरूवे, अक्षेमः नामैकः क्षेमरूपः,
वाले होते हैं, ३. कुछ मार्ग अक्षेम और अखेमे णाममेगे अखेमरूवे। अक्षेमः नामैक: अक्षेमरूपः ।
क्षेम रूप वाले होते हैं । ४. कुछ मार्ग
अक्षेम और अक्षेम रूप वाले होते हैं। एवामेव चत्तारि 'पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते पण्णत्ता, तं जहातद्यथा
हैं-१. कुछ पुरुष क्षेम और क्षेम रूप खमे णाममेगे खेमरूवे, क्षेम: नामैक: क्षेमरूपः,
वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष क्षेम और
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