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ठाणं (स्थान)
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स्थान ४ : सूत्र २३६-२४० मंदे णाममेगे मंदमणे, मन्दः नामैकः मन्दमनाः,
मन भद्र होता है, २. कुछ हाथी मंद होते मंदे णाममेगे मियमणे, मन्द: नामैकः मृगमनाः,
हैं और उनका मन भी मंद होता है, मदे णाममेगे संकिण्णमण । मन्दः नामकः संकीर्णमनाः ।
३. कुछ हाथी मंद होते हैं, किन्तु उनका मन मृग होता है, ४. कुछ हाथी मंद होते
हैं, किन्तु उनका मन संकीर्ण होता है। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते पण्णत्ता, तं जहाप्रज्ञप्तानि, तद्यथा
हैं-१. कुछ पुरुष मंद होते हैं, किन्तु मंदे णाममेगे भद्दमणे, मन्दः नामैकः भद्रमनाः,
उनका मन भद्र होता है, २. कुछ पुरुष 'मंदे णाममेगे मंदमणे, मन्द: नामैक: मन्दमनाः,
मंद होते हैं और उनका मन भी मंद होता मंदे णाममेगे मियमणे, मन्दः नामैक: मृगमनाः,
है, ३. कुछ पुरुष मंद होते हैं, किन्तु उनका मंदे णाममेगे संकिण्णमणे । मन्द: नामकः संकीर्णमनाः।
मन मृग होता है, ४. कुछ पुरुष मंद होते
हैं, किन्तु उनका मन संकीर्ण होता है । २३६. चत्तारि हत्थी पण्णत्ता, तं जहा- चत्वारः हस्तिनः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा- २३६. हाथी चार प्रकार के होते हैंमिए णाममेगे भद्दमणे, मृगः नामकः भद्र मनाः,
१. कुछ हाथी मृग होते हैं, किन्तु उनका मिए णाममेगे मंदमणे, मृगः नामैकः मन्दमनाः,
मन भद्र होता है, २. कुछ हाथी मृग होते मिए णाममेगे मियमणे, मृगः नामैक: मृगमनाः,
हैं, किन्तु उनका मन मंद होता है, मिए णाममेगे संकिण्णमणे। मृगः नामैकः संकीर्णमनाः ।
३. कुछ हाथी मृग होते हैं और उनका मन भी मृग होता है, ४. कुछ हाथी मृग होते
हैं, किन्तु उनका मन संकीर्ण होता है। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया एवमेव चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते एण्णत्ता, तं जहातद्यथा
हैं—१. कुछ पुरुष मृग होते हैं, किन्तु मिए णाममेगे भद्दमणे, मृगः नामैक: भद्रमनाः,
उनका मन भद्र होता है, २. कुछ पुरुष 'मिए णाममेगे मंदमणे, मृगः नामकः मन्दमनाः,
मृग होते हैं, किन्तु उनका मन मंद होता मिए णाममेगे मियमणे, मगः नामक: मृगमना:,
है, ३. कुछ पुरुष मृग होते हैं और उनका मिए णाममेगे संकिण्णमणे। मगः नामैकः संकीर्णमनाः ।
मन भी मृग होता है, ४. कुछ पुरुष मृग
होते हैं, किन्तु उनका मन संकीर्ण होता है। २४०. चत्तारि हत्थी पण्णत्ता, तं जहा- चत्वारः हस्तिनः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा- २४०. हाथी चार प्रकार के होते हैंसंकिण्णे गाममेगे भद्दमणे, संकीर्णः नामैकः भद्र मनाः,
१. कुछ हाथी संकीर्ण होते हैं, किन्तु संकिण्णे णाममेगे मंदमणे, संकीर्णः नामैक. मन्दमनाः,
उनका मन भद्र होता है, २. कुछ हाथी संकिण्णे णाममेगे मियमणे, संकीर्णः नामैकः मृगमनाः,
संकीर्ण होते हैं, किन्तु उनका मन मंद संकिण्णे णाममेगे संकिण्णमणे। संकीर्णः नामैकः संकीर्णमनाः ।
होता है, ३. कुछ हाथी संकीर्ण होते हैं, किन्तु उनका मन मृग होता है, ४. कुछ हाथी संकीर्ण होते हैं और उनका मन भी संकीर्ण होता है।
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