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________________ ठाणं (स्थान) ३४२ स्थान ४: सूत्र २२५-२२८ अणज्जे णाममेगे अज्जओभासी, अनार्यः नामकः आर्यावभाषी, जाति से अनार्य, किन्तु आर्य अवभासी अणज्जे णाममेगे अणज्जओभासी। अनार्यः नामैकः अनार्यावभाषी। होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से अनार्य और अनार्य-अवभासी होते हैं। २२५. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुजातानि प्रज्ञप्तानि, २२५. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से आर्य और आर्यअज्जे णाममेगे अज्जसेवी, आर्यः नामकः आर्यसेवी, सेवी होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति से अज्जे णाममेगे अणज्जसेवी, आर्यः नामैकः अनार्यसेवी, आर्य, किन्तु अनार्य-सेवी होते हैं, ३. कुछ अणज्जे णाममेगे अज्जसेवी, अनार्यः नामकः आर्यसेवी, पुरुष जाति से अनार्य, किन्तु आर्य-सेवी अणज्जे णाममेगे अणज्जसेवी। अनार्यः नामकः अनार्यसेवी। होते हैं, ४. कुछ तुरुष जाति से अनार्य और अनार्य-सेवी होते हैं। २२६. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२६. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से आर्य और आर्य अज्जे णाममेगे अज्जपरियाए, आर्यः नामकः आर्यपर्यायः, पर्याय वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति अज्जे णाममेगे अणज्जपरियाए, आर्यः नामकः अनार्यपर्यायः से आर्य, किन्तु अनार्य पर्याय वाले होते अणज्जे णाममेगे अज्जपरियाए, अनार्यः नामैक: आर्यपर्यायः, हैं, ३. कुछ पुरुष जाति से अनार्य, किन्तु अणज्जे णाममेगे अणज्जपरियाए। अनार्यः नामैकः अनार्यपर्यायः । आर्य पर्याय वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से अनार्य और अनार्य पर्याय वाले होते हैं। २२७. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२७. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से आर्य और आर्य अज्जे णाममेगे अज्जपरियाले, आर्यः नामक: आर्यपरिवारः, परिवार वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति अज्जे णाममेगे अणज्जपरियाले, आर्यः नामकः अनार्यपरिवारः, से आर्य, किन्तु अनार्य परिवार वाले होते अणज्जे णाममेगे अज्जपरियाले, अनार्य नामैक: आर्यपरिवारः, हैं, ३. कुछ पुरुष जाति से अनार्य, किन्तु अणज्जे णाममेगे अणज्जपरियाले। अनार्यः नामकः अनार्यपरिवारः । आर्य परिवार वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से अनार्य और अनार्य परिवार वाले होते हैं। २२८. चत्तारि पुरिसजाया पिण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२८. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से आर्य और भाव से अज्जे णाममेगे अज्जभावे, आर्यः नामैक: आर्यभावः, भी आर्य होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति से अज्जे णाममेगे अणज्जभावे, आर्यः नामकः अनार्यभावः, आर्य, किन्तु भाव से अनार्य होते हैं, अणज्जे णाममेगे अज्जभावे, अनार्यः नामकः आर्यभावः, ३. कुछ पुरुष जाति से अनार्य, किन्तु भाव अणज्जे णाममेगे अणज्जभावे। अनार्यः नामैकः अनार्यभावः । से आर्य होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से अनार्य और भाव से भी अनार्य होते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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