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________________ ठाणं (स्थान) ३४१ स्थान ४ : सूत्र २२०-२२४ २२०. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२०. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से आर्य और आर्य अज्जे णाममेगे अज्जपरकम्मे, आर्यः नामैकः आर्यपराक्रमः, पराक्रम वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति अज्जे णाममेगे अणज्जपरकम्मे, आर्यः नामैकः अनार्यपराक्रमः, से आर्य, किन्तु अनार्य पराक्रम वाले अणज्जे णाममेगे अज्जपरकम्मे, अनार्यः नामैकः आर्यपराक्रमः, होते हैं, ३. कुछ पुरुष जाति से अनार्य, अणज्जे णाममेगे अणज्जपरकम्मे। अनार्यः नामैकः अनार्यपराक्रमः । किन्तु आर्य पराक्रम वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से अनार्य और अनार्य पराक्रम वाले होते हैं। २२१. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२१. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा ३. कुछ पुरुष जाति से आर्य और आर्य अज्जे णाममेगे अज्जवित्ती, आर्यः नामैक: आर्यवृत्तिः, वृत्ति वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति से अज्जे णाममेगे अणज्जवित्ती, आर्यः नामैक आर्य, किन्तु अनार्य वृत्ति वाले होते हैं, अणज्जे णाममेगे अज्जवित्ती, अनार्यः नामकः आर्यवृत्तिः, ३. कुछ पुरुष जाति से अनार्य, किन्तु आर्य अणज्जे णाममेगे अणज्जवित्ती। अनार्यः नामैकः अनार्यवृत्तिः । वृत्ति वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से अनार्य और अनार्य वृत्ति वाले होते हैं। २२२. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२२. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से आर्य और आर्य अज्जे णाममेगे अज्जजाती, आर्यः नामैकः आर्यजातिः, जाति वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति अज्जे णाममेगे अणज्जजाती, आर्यः नामैकः अनार्यजातिः, से आर्य, किन्तु अनार्य जाति वाले होते हैं, अणज्जे णाममेगे अज्जजाती, अनार्यः नामैक: आर्यजातिः, ३. कुछ पुरुष जाति से अनार्य, किन्तु आर्य अणज्जे णाममेगे अणज्जजाती। अनार्यः नामकः अनार्यजातिः । जाति वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से अनार्य और अनार्य जाति वाले होते हैं । २२३. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२३. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति से आर्य और आर्य अज्जे णाममेगे अज्जभासी, आर्यः नामैकः आर्यभाषी, भाषी होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति से अज्जे णाममेगे अणज्जभासी, आर्यः नामैक: अनार्यभाषी, आर्य, किन्तु अनार्य भाषी होते हैं, ३. कुछ अणज्जे णाममेगे अज्जभासी, अनार्य नामैक: आर्यभाषी, पुरुष जाति से अनार्य, किन्तु आर्य भाषी अणज्जे णाममेगे अणज्जभासी। अनार्यः नामैकः अनार्यभाषी। होते हैं, ४. कुछ पुरुष जाति से अनार्य और अनार्य भासी होते हैं। २२४. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२४. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जाति में आर्य और आर्यअज्जे णाममेगे अज्जओभासी, आर्यः नामैक: आर्यावभाषी, अवभाषी [आर्य की तरह लगने वाले अज्जे णाममेगे अणज्जओभासी, आर्यः नामैकः अनार्यावभाषी, होते हैं, २. कुछ पुरुष जाति से आर्य, किन्तु अनार्य अवभासी होते हैं, ३. कुछ पुरुष Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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