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ठाणं (स्थान)
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स्थान ४ : सूत्र ४६-५२ ४६. चत्तारि पुरिसजाया पण्णता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, ४६. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से शुचि और शुचिसुई णामं एगे सुइसंकप्पे, शुचिर्नामैकः शुचिसंकल्पः,
संकल्प वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष शरीर सुई णाम एगे असुइसंकप्पे, शुचिर्नामक: अशुचिसंकल्पः,
से शुचि, किन्तु अशुचि-संकल्प वाले होते असुई णामं एगे सुइसंकप्पे, अशचिर्नामकः शचिसंकल्पः, हैं, ३. कुछ पुरुष शरीर से अशुचि, किन्तु असुई णाम एगे असुइसंकप्पे। अशुचिर्नामैक: अशुचिसंकल्पः । शुचि-संकल्प वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष
शरीर से अशुचि और अशुचि-संकल्प वाले होते हैं।
५०. चत्तारि पुरिसजाया पण्णता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, ५०. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से शुचि और शुचिसुई णामं एगे सुइपण्णे, शुचिर्नामकः शुचिप्रज्ञः, प्रज्ञा वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष शरीर सुई णाम एगे असुइपण्णे, शुचिर्नामैकः अशुचिप्रज्ञः,
से शुचि, किन्तु अशुचि-प्रज्ञा वाले होते हैं, असुई णामं एगे सुइपण्णे, अशुचिर्नामकः शुचिप्रज्ञः, ३. कुछ पुरुष शरीर से अशुचि, किन्तु असुई णाम एगे असुइपण्णे। अशुचिर्नामैक: अशुचिप्रज्ञः । शुचि-प्रज्ञा वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष
शरीर से अशुचि और अशुचि-प्रज्ञा वाले होते हैं।
५१. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, ५१. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से शुचि और शुचिसुई णाम एगे सुइदिट्टी, शुचिर्नामैकः शुचिदृष्टिः,
दृष्टि वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष शरीर सुई णामं एगे असुइदिठ्ठी, शुचिर्नामकः अशुचिदृष्टि:,
से शुचि, किन्तु अशुचि-दृष्टि वाले होते हैं, असुई णाम एगे सुइदिट्टी, अशुचिर्नामकः शुचिदृष्टिः, ६. कुछ पुरुष शरीर से अशुचि,किन्तु शुचिअसुई णामं एगे असुइदिट्ठी। अशुचिर्नामैक: अशुचिदृष्टिः । दृष्टि वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष शरीर से
अशुचि और अशुचि-दृष्टि वाले होते हैं।
५२. चत्तारि पुरिसजाया पण्णता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, ५२. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से शुचि और शुचिसुई णाम एगे सुइसीलाचारे, शुचिर्नामैकः शुचिशीलाचारः, शीलाचार वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष सुई णाम एगे असुइसीलाचारे, शुचिर्नामैकः अशुचिशीलाचारः, शरीर से शुचि, किन्तु अशुचि-शीलाचार असुई णाम एगे सुइसीलाचारे, अशुचिर्नामैकः शुचिशीलाचारः, वाले होते हैं, ३. कुछ पुरुष शरीर से असुई णाम एगे असुइसोलाचारे। अशुचिर्नामैक: अशुचिशीलाचारः । अशुचि, किन्तु शुचि-शीलाचार वाले होते
हैं, ४. कुछ पुरुष शरीर से अशुचि और अशुचि-शीलचार वाले होते हैं।
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