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ठाणं (स्थान)
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स्थान ४ : सूत्र १८-२२ १८. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, १८. पुरुष चार प्रकार के होते हैं--- जहातद्यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से ऋजु और ऋजुउज्जू णाममेगे उज्जुदिट्ठी, ऋजुः नामैक: ऋजुदृष्टिः,
दृष्टि वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष शरीर से उज्जू णाममेगे वंकदिट्ठी, ऋजुः नामैक: वक्रदृष्टिः,
ऋजु, किन्तु वक्र-दृष्टि वाले होते हैं, वंके णाममेगे उज्जुदिट्ठी, वक्रो नामैक: ऋजुदृष्टि:,
३. कुछ पुरुष शरीर से वक्र, किन्तु ऋजुवंके णाममेगे वंकदिट्ठी। वक्रो नामक: वक्रदृष्टिः ।
दृष्टि वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष शरीर से
वक्र और वक्र-दृष्टि वाले होते हैं । १६. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, १६. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से ऋजु और ऋजुउज्जू णाममेगे उज्जुसीलाचारे, ऋजुः नामक: ऋजुशीलाचारः, शीलाचार वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष उज्जू णाममेगे वंकसीलाचारे, ऋजु: नामैक: वक्रशीलाचारः, शरीर से ऋजु, किन्तु वक्र-शीलाचार वाले वंके णाममेगे उज्जुसीलाचारे, वक्रो नामैक: ऋजुशीलाचारः, होते हैं, ३. कुछ पुरुष शरीर से वक्र, किन्तु वंके णाममेगे वंकसीलाचारे। वक्रो नामैक: वक्रशीलाचारः । ऋजु-शीलाचार वाले होते हैं, ४. कुछ
पुरुष शरीर से वक्र और वक्र-शीलाचार
वाले होते हैं। २०. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २०. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से ऋजु और ऋजुउज्जू णाममेगे उज्जुववहारे, ऋजु: नामैक: ऋजुव्यवहारः, व्यवहार वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष शरीर उज्जू णाममेगे वंकववहारे, ऋजु: नामैक: वक्रव्यवहारः, से ऋजु, किन्तु वक्र-व्यवहार वाले होते हैं, वंके णाममेगे उज्जुववहारे, वक्रो नामैक: ऋजुव्यवहारः,
३. कुछ पुरुष शरीर से वक्र, किन्तु ऋजुवंके णाममेगे वंकववहारे। वक्रो नामैक: वक्रव्यवहारः । व्यवहार वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष शरीर
से वक्र और वक्र-व्यवहार वाले होते हैं। २१. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं चत्वारि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २१. पुरुष चार प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष शरीर से ऋजु और ऋजुउज्जू णाममेगे उज्जुपरक्कमे, ऋजु: नामैक: ऋजुपराक्रमः, पराक्रम वाले होते हैं, २. कुछ पुरुष शरीर उज्जू णाममेगे वंकपरक्कमे, ऋजु: नामैक: वक्रपराक्रमः, से ऋजु, किन्तु वक्र-पराक्रम वाले होते हैं, वंके णाममेगे उज्जुपरक्कमे, वक्रो नामैक: ऋजुपराक्रमः, ३. कुछ पुरुष शरीर से वक्र, किन्तु ऋजुवंके णाममेगे वंकपरक्कमे। वक्रो नामैक: वक्रपराक्रमः । पराक्रम वाले होते हैं, ४. कुछ पुरुष शरीर
से वक्र और वक्र-पराक्रम वाले होते हैं।
भासा-पदं भाषा-पदम्
भाषा-पद २२. पडिमापडिवण्णस्स णं अणगारस्स प्रतिमाप्रतिपन्नस्य अनगारस्य कल्पन्ते २२. भिक्षुप्रतिमाओं को अंगीकार करने वाला कप्पंति चत्तारि भासाओ भासित्तए, चतस्रः भाषाः भाषितुं, तद्यथा
मुनि चार विषयों से सम्बन्धित भाषा तं जहा—जायणी, पुच्छणी, याचनी, प्रच्छनी, अनुज्ञापनी,
बोल सकता है—१. याचनी-याचना से
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