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________________ ठाणं (स्थान) २०८ स्थान ३ : सूत्र २६०-२६४ २६०. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २६०. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष शब्द नहीं सुनूंगा इसलिए सह ण सुणिस्सामीतेगे सुमणे भवति, शब्दं न श्रोष्यामीत्येक: सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष शब्द नहीं सह ण सुणिस्सामीतेगे दुम्मणे शब्दं न श्रोष्यामीत्येकः दुर्मनाः भवति, सुनूंगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ भवति, शब्दं न श्रोष्यामीत्येक: पुरुष शब्द नहीं सुनूंगा इसलिए न सई ण सुणिस्सामीतेगे जोसुमणे- नोदुमना: भवति । सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं । णोदुम्मणे भवति । पासित्ता-अपासित्ता--पदं दृष्ट्वा-अदृष्ट्वा-पदम् दृष्ट्वा-अदृष्ट्वा-पद २६१. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २६१. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं -- तद्यथा १. कुछ पुरुष रूप देखने के बाद सुमनस्क रूवं पासित्ता णामेगे सुमणे भवति, रूपं दृष्ट्वा नामकः सुमनाः भवति, होते है, २. कुछ पुरुष रूप देखने के बाद रूवं पासित्ता णामेगे दुम्मणे भवति, रूपं दृष्ट्वा नामकः दुर्मनाः भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष रूप देखने रूवं पासित्ता णामेगे जोसुमणे- रूपं दृष्ट्वा नामकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः । के बाद न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क णोदुम्मणे भवति। भवति । होते हैं। २९२. तओ पुरिमजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २६२. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष रूप देखता हूं इसलिए रूवं पासामीतेगे सुमणे भवति, रूपं पश्यामीत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष रूप देखता रूदं पासामीतेगे दुम्मणे भवति, रूपं पश्यामीत्येकः दुर्मनाः भवति, हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष रूवं पासामीतेगे जोसुमणे- रूपं पश्यामीत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः रूप देखता हूं इसलिए न सुमनस्क होते हैं णोदुम्मणे भवति। भवति। और न दुर्मनस्क होते हैं। २६३. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २६३. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष रूप देखूगा इसलिए सुमनस्क रूवं पासिस्सामीतेगे सुमणे भवति, रूपं द्रक्ष्यामीत्येकः सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष रूप देखूगा इसलिए रूवं पासिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, रूपं द्रक्ष्यामीत्येकः दुर्मनाः भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष रूप देखूगा रूवं पासिस्सामीतेगे जोसुमणे- रूपं द्रक्ष्यामीत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न णोदुम्मणे भवति। भवति । दुर्मनस्क होते हैं। २६४. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २६४. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष रूप न देखने पर सुमनस्क रूवं अपासित्ताणामेगे सुमणे भवति, रूपं अदृष्ट्वा नामकः सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष रूप न देखने पर रूवं अपासित्ता णामेगे दुम्मणे रूपं अदृष्ट्वा नामकः दुर्मनाः भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष रूप न भवति, रूपं अदृष्ट्वा नामैक: नोसुमना:- देखने पर न सुमनस्क होते हैं और न रूवं अपासित्ता णामेगे णोसुमणे- नोदुर्मनाः भवति । दुर्मनस्क होते हैं। णोदुम्मणे भवति। For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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