SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 248
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ठाणं (स्थान) २०७ स्थान ३ : सूत्र २८५-२८६ सुणेत्ता-असुणेत्ता-पदं श्रुत्वा-अश्रुत्वा-पदम् श्रुत्वा-अश्रुत्वा-पद २८५. 'तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, तद्यथा- २८५. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहा शब्दं श्रुत्वा नामैकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष शब्द सुनने के बाद सुमनस्क सदं सुणेत्ता णामेगे सुमणे भवति, शब्दं श्रुत्वा नामकः दुर्मनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष शब्द सुनने के बाद सई सुणेत्ता णामेगे दुम्मणे भवति, शब्दं श्रुत्वा नामैक: नोसुमनाः-नोदुर्मना: दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष शब्द सुनने सदं सुणेत्ता णामेगे जोसुमणे- भवति । के बाद न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क णोदुम्मणे भवति। होते हैं। २८६. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २८६. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष शब्द सुनता हूं इसलिए सद सुणामीतेगे सुमणे भवति, शब्दं शृणोमीत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष शब्द सद सुणामीतेगे दुम्मणे भवति, शब्दं शृणोमीत्येकः दुर्मना: भवति, सुनता हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, सदं सुणामीतेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे शब्दं शृणोमीत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मना: ३. कुछ पुरुष शब्द सुनता हूं इसलिए न भवति । भवति । सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २८७. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २८७. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंतद्यथा १. कुछ पुरुष शब्द सुनूंगा इसलिए सदं सुणिस्सामीतेगे सुमणे भवति, शब्दं श्रोष्यामीत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष शब्द सुनूंगा सदं सुणिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, शब्दं श्रोष्यामीत्येकः दुर्मनाः भवति, इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष सई सुणिस्सामीतेगे जोसुमणे- शब्दं श्रोष्यामीत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः । शब्द सुनूंगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं णोदुम्मणे भवति । भवति । और न दुर्मनस्क होते हैं। २८८. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २८८. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं-- जहातद्यथा १. कुछ पुरुष शब्द नहीं सुनने पर सुमनस्क सदं असुणेत्ता णामेगे सुमणे भवति, शब्दं अश्रुत्वा नामकः सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष शब्द नहीं सुनने पर सदं असुणेत्ता णामेगे दुम्मणे शब्दं अश्रुत्वा नामकः दुर्मनाः भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष शब्द नहीं भवति, शब्दं अश्रुत्वा नामकः नोसुमना:- सुनने पर न सुमनस्क होते हैं और न सई असुणेत्ता णामेगे जोसुमणे- नोदुर्मनाः भवति। दुर्मनस्क होते हैं। णोदुम्मणे भवति। २८६. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २८६. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष शब्द नहीं सुनता हूं इसलिए सदं ण सुणामीतेगे सुमणे भवति, शब्दं न शृणोमीत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष शब्द नहीं सदं ण सुणामीतेगे दुम्मणे भवति, शब्दं न शृणोमीत्येकः दुर्मनाः भवति, सुनता हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, सदं ण सुणामीतेगे णोसुमणे- शब्दं न शृणोमीत्येक: नोसुमनाः- ३. कुछ पुरुष शब्द नहीं सुनता हूं इसलिए गोदुम्मणे भवति । नोदुर्मनाः भवति। न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy